Atalji Patrakarita
आज 30 मई है। हिंदी पत्रकारिता दिवस। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज के ही दिन 195 साल पहले पं युगल किशोर शुक्ल ने कोलकाता में पहला हिंदी अखबार "उद्दंत मार्तंड' निकाला था। तब से लेकर आज तक हिंदी पत्रकारिता कई पड़ाव पार कर चुकी है। वह स्वयं में आमूल-चूल परिवर्तन भी चुकी है। राष्ट्र धर्म को निभाने के लिए उदित हुआ अखबार जगत आज पूरी तरह से एक बेहद फायदे वाले कारोबार में बदल गया है। इस दिन एक ऐसे पत्रकार के बारे में बात करना जरूरी है, जिन्होंने राष्ट्रवादी पत्रकारिता को प्राथमिकता दी थी। जी हां यहां पूर्व प्रधानमंत्री, कवि-पत्रकार स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की ही बात की जा रही है। लेखक डॉ. सौरभ मालवीय की किताब "राष्ट्रवादी पत्रकारिता के शिखर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी' में अटल जी की पत्रकारिता और उनके पत्रकारीय जीवन पर प्रकाश डाला गया है। किताब में उनके पत्रकारीय जीवन के कई रोचक प्रसंगों को भी बताया गया है। किताब के अनुसार, अटल जी छात्र जीवन से ही संपादक बनना चाहते थे। वे मासिक पत्रिका "राष्ट्रधर्म' के प्रथम संपादक हुए। उन्होंने "पांचजन्य', "स्वदेश...