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विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस पर जानें सचिन तेंदुलकर की दो प्रेरणादायी किताबों के बारे में

23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस है और 24 अप्रैल को क्रिकेट के गॉड कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का जन्मदिन. इस ख़ास अवसर पर जानते हैं युवाओं और किशोरों के लिए प्रेरणादायी सचिन की किताबों के बारे में. 23 April--world book and copyright day 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस है. पढ़ने, पुस्तकों के महत्व और कॉपीराइट सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह दिन दुनिया भर में मनाया जाता है. पढ़ने के प्रति रुचि को विकसित करने और अतीत तथा भविष्य को जोड़ने में पुस्तकों की भूमिका को मान्यता देने के लिए यूनेस्को ने इस दिवस को मनाना शुरू किया था. इसके अगले दिन, यानी 24 अप्रैल को क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का भी जन्मदिन है. यूं तो सचिन क्रिकेट के बेताज बादशाह माने जाते हैं. पर क्या आप जानते हैं कि सचिन ने 2 किताबें भी लिखी हैं, जो किसी भी टीन एजर के लिए प्रेरणादायी साबित हो सकती हैं. सचिन ने अपनी किताबों में स्पष्ट लिखा है कि चाहे आप खेल के मैदान में आगे बढ़ना चाहते हैं या पढ़ाई के क्षेत्र में, आपको सफलता पाने के लिए जी-तोड़ मेहनत करनी पड़ेगी. जानते हैं...

भय और विघ्नहर्ता हनुमान के जीवन पर आधारित किताबें हैं प्रेरणादायी

जैसे ही हमें किसी प्रकार का भय लगता है या असंभव-सा लगने वाला कार्य सामने आता है, तो हम हनुमान जी का नाम जपने लगते हैं. क्या आपने कभी उनके जीवन को गहराई से जानने का प्रयास किया है? आपके इस प्रयास में मदद कर सकती हैं हनुमान जी के जीवन पर लिखी कुछ किताबें. भय और विघ्न हर्ता हनुमान का नाम हम बचपन से लेते आये हैं. हनुमान बलशाली होने के साथ-साथ ज्ञानवान भी हैं. इसलिए महाबली हनुमान के मंदिर देश भर में मौजूद हैं. हम तुलसीदास रचित ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ भी नित्यदिन करते हैं. पर ज्यादातर लोग उनके जीवन तथा इतिहास के बारे में बहुत अधिक नहीं जानते हैं. हनुमान जी के जीवन पर आधारित कुछ पुस्तकें हैं, जो विशिष्ट धर्मग्रंथों के आधार पर लिखी गई हैं. ये पुस्तकें उनके जीवन पर प्रेरणादायी और विश्वसनीय जानकारियां देती हैं. 1 पवनपुत्र पौराणिक पात्रों पर कई औपन्यासिक कृति लिख चुके भगवतीशरण मिश्र की पुस्तक ‘पवनपुत्र’ हनुमान के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में विश्वसनीय जानकारी देती है. सरल शब्दों में कही गई हनुमान की जीवन गाथा को लिखने के लिए लेखक ने न सिर्फ वाल्मीकीय रामायण और तुलसीदास के रामचरित मा...

लेखक रस्किन बॉन्ड जन्मदिन

  छोले-भटूरे खाकर रस्किन बॉन्ड  ने मनाया  जन्मदिन स्मिता आज बच्चों-किशोरों के चहेते व विश्वप्रसिद्ध अंग्रेजी भाषा के लेखक रस्किन बॉन्ड का जन्मदिन है। आज वे 86 वर्ष के हो गए हैं, पर वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से वे भी मसूरी के अपने घर में लॉकडाउन हैं। एक टेलिफोनिक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने जन्मदिन मनाने की योजना के बारे में बताया कि इस साल उनका कुछ भी करने का इरादा नहीं है। सभी लोगों की तरह वे घर पर ही रहेंगे। पूरा दिन वे अपने परिवार और अपनी किताबों के साथ ही समय बिताएंगे। यदि कोई आइडिया उनके मन में आएगा, तो उसे अन्य दिनों की तरह अपने नोटपैड पर जरूर लिखेंगे। रस्किन अपने को फूडी नहीं मानते हैं, लेकिन भारतीय चटपटा खाना, जैसे कि टिक्की चाट, छोले-भटूरे आदि उन्हें बहुत पसंद है। वे कहते हैं-अपने जन्मदिन पर तो मैं छोले-भटूरे ही खाऊंगा। घर से बाहर तो निकलना नहीं है, इसलिए डिनर में घर पर ही छोले-भटूरे तैयार होगा। मुझे इस तरह की चटपटी चीजें बहुत पसंद हैं। लॉकडाउन में रस्किन बॉन्ड ने एक नायाब आइडिया निकाला। पिछले कुछ दिनों से वे ऑल इंडिया रेडियो...

स्ट्रेस बस्टर डायरी

  स्ट्रेस बस्टर भी है डायरी डायरी लेखन न सिर्फ नए आइडियाज और लेखन को सही दिशा देता है, बल्कि तनाव मुक्त भी करता है। यदि आप समय-समय पर अपने परिवेश की महत्वपूर्ण घटनाओं को डायरी में नोट करते हैं, तो संभव है कि वह एक एेतिहासिक दस्तावेज भी बन जाए। विश्व की 70 से अधिक भाषाओं में अनूदित हाे चुकी है ' द डायरी ऑफ ए यंग गर्ल' । यह विश्व की सबसे अधिक बिकनेवाली किताबों में से एक है। दरअसल, यह एक किशोर जर्मन लड़की एन फ्रैंक की लिखी डायरी है । अपने पिता से उपहारस्वरूप पाई डायरी में एन फ्रैंक ने उसमें न केवल अपनी रोजमर्रा की जिंदगी के बारे में लिखा, बल्कि उस समय द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण दुनियाभर में हो रहे विध्वंसों को भी दर्ज किया था। बाद में यह डायरी उस समय के महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक साबित हुई। आज जब दुनिया कोरोना वायरस के प्रकोप से त्रस्त है, तो लोगों का आत्मविश्वास बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और वे तनावग्रस्त हो रहे हैं। हाल में अमेरिका के एक महत्वपूर्ण अखबार में यह खबर आई कि वर्तमान परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाने के लिए मनोवैज्ञानिक वहां के लोगो...

कोरान काल की कथा सुना रहे साहित्य

कोरान काल की कथा सुना रहे साहित्य Smita कोरोना संकट ने न सिर्फ देश-समाज की जीवनशैली और अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है, बल्कि साहित्य और लेखन भी इससे अछूते नहीं रह सके हैं। वरिष्ठ साहित्यकार मानते हैं कि देश या वैश्विक घटनाक्रम साहित्य को गहरे तौर पर प्रभावित करते हैं। साथ ही, वे युवा सृजनशिल्पियों को इस बात की ताकीद भी करते हैं कि वैश्विक महामारी पर तुरत-फुरत और सतही लेखन कभी कालजयी साबित नहीं हो सकते हैं। फेसबुक और दूसरे सोशल साइट्स पर आप जब भी नजर दौड़ाएंगे , तो आपको वैश्विक महामारी कोरोना के बारे में कविता, कहानियां, व्यंग्य यहां तक कि इस विषय पर लिखे जा चुके उपन्यासों के अंश भी आभासी दुनिया के दोस्तों की टाइमलाइन पर सजी मिल जाएगी। जब तक भारत में इस महामारी ने पैर नहीं पसारा था, तब तक अलग-अलग तरह के हंसगुल्ले और चुटकुले भी खूब रचे गए और वायरल हुए। जब इस महामारी की वजह से पूरा देश ही अपने-अपने घरों में कैद होने लगा, तब इसकी भयावहता ने लेखकों के अंतर्मन को अपने-अपने तरीके से झकझोरा। तब कुछ लेखकों ने इस समय का सदुपयोग करते हुए स्वयं को किताबों की दुनिया में...