औषधीय गुणों से भरपूर है लिंगड़ा

 गूगल फोटोज में अभी गुलदस्ते जैसी एक सब्जी की फोटो मिली। याद आया कि जून महीने में एक बच्चा इस सब्जी को टोकरे में सजाकर बेच रहा था। पूछने पर नाम लिंगड़ा बताया। मैं तो यह सब्जी Fiddlehead पहली बार देख रही थी। मुझे तो बड़े बड़े रोएं वाली यह सब्जी खूबसूरत चकती या घिरनी जैसी दिख रही थी। एक दिल अजीज पड़ोसन ने बताया कि पहाड़ की होने के कारण वे इसे बनाना जानती हैं और फिर उन्होंने ही इसे बनाने का बीड़ा उठाया। जो सुंदर होते हैं, उनके थोड़े नाज-नखरे तो होते ही हैं। लिहाजा उसके रोएं की साफ-सफाई, कटाई और फिर उसे बनाने में उन्हें कई घण्टे लग गए। इसका स्वाद रोज-रोज खाई जाने वाली हरी सब्जियों से कुछ अलग तो जरूर था, लेकिन बेहद खास तो नहीं था। कुछ-कुछ बीन्स जैसा लगा। हिमाचल में लिंगरी या लिंगड़ू, उत्तराखंड में लेंगड़ा, कश्मीर में करसोर कही जाने वाली यह बरसाती सब्जी औषधीय गुणों से भरपूर होती है। एंटीओक्सिडेंट और ओमेगा 3 & 6 फैटी एसिड के साथ-साथ इसमें विटामिन, कैल्शियम और आयरन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। इसे बनाने के लिए बहुत तेल-मसाले की भी जरूरत नहीं पड़ती है। आप चाहें, तो इसका अचार डाल सकते हैं। सलाद के रूप में भी मजा ले सकते हैं। यह समूचे एशिया के पर्वतीय इलाकों में नमी वाली जगहों पर पाई जाती है। गर्मी या बारिश के मौसम में यूं ही उग आने वाले फर्न प्रजाति के इस पौधे का वानस्पतिक नाम diplazium esculentum है। हां मशरूम की तरह ये जहरीले भी हो सकती हैं, जिनकी पहचान करने में पहाड़ी लोग सिद्धहस्त होते हैं। पहाड़ पर जाएं, तो इसका स्वाद एक बार जरूर लें...

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