नकारात्मक लोगों के बीच खुद सकारात्मक बने रहने के 5 टिप्स

नकारात्मक लोगों के साथ समय बिताना बेहद कठिन होता है। उनकी नकारात्मकता न सिर्फ उन्हें, बल्कि सामने वाले व्यक्ति को मानसिक रूप से बीमार बना सकती है। नकारात्मक लोगों के बीच खुद को सकारात्मक बनाए रखने के लिए एक्सपर्ट के बताए कुछ उपाय हैं। पढ़ाई में पिछड़ने का डर, ऑफिस में असफल होने का विचार, खुद के दूसरों से कमतर होने का भय-ये सभी नकारात्मक विचार हैं, जो हमें दिन-रात परेशान कर सकते हैं। जर्नल ऑफ़ साइकोलॉजिकल रिसर्च के अनुसार, हमारे 80% विचार नकारात्मक होते हैं। ये सभी विचार जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं—रिश्ते, काम, स्कूल पर आधारित होते हैं। इनमें से ज्यादातर विचार दूसरों के द्वारा कही गई बातों पर आधारित होते हैं. दरअसल, रोजमर्रा के जीवन में हमें घर-बाहर कई ऐसे लोगों से सामना करना पड़ सकता है, जो न केवल नकारात्मक बातें कहते हैं, बल्कि उनका व्यवहार भी नकारात्मक ( ईर्ष्या-द्वेष रखना, शिकायत करना, नीचा दिखाने की कोशिश करना) होता है। हमें अपने मेंटल हेल्थ को मजबूती देने के लिए नकारात्मकता से दूर रहने की जरूर कोशिश करनी चाहिए। हमें एक्सपर्ट के बताए सुझावों पर अमल करना चाहिए। कैसे प्रभावित करती है नकारात्मकता जर्नल ऑफ़ मेंटल हेल्थ में प्रकाशित शोध बताते हैं कि अगर आप लगातार नकारात्मकता यानी निगेटिविटी से सामना करते रहते हैं, तो यह मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकती है। यह डिमेंशिया के जोखिम को बढ़ा सकती है। यह अवसाद और घबराहट जैसे मनोवैज्ञानिक विकारों को भी जन्म दे सकती है। 1. सख्ती के साथ नकारात्मक बातचीत को मना करें कुछ लोग हमेशा दूसरों के सामने अपना दुखड़ा रोते रहते हैं। किसी और के प्रति अपनी भड़ास निकालते रहते हैं। मनस्थली की संस्थापक और सीनियर साइकोलोजिस्ट डॉ. ज्योति कपूर बताती हैं, ‘ऐसे लोगों की बातों को सुनने में अपनी ऊर्जा खर्च करने की बजाय उन्हें अपनी सीमाओं के बारे में विनम्रता से बता दें। उन्हें दृढ़ता के साथ बताएं कि आप लगातार या किसी ख़ास-ख़ास समय निगेटिव बातें नहीं सुन सकती हैं। नकारात्मक विषयों पर चर्चा करना भी आपके लिए मुश्किल है। कई बार लंच के दौरान कुछ सहकर्मी शिकायतों का पिटारा खोल देते हैं। आप उसी समय उन्हें टोक दें और किसी भी नकारात्मक बातचीत को सख्ती के साथ मना कर दें। यह आपकी मेंटल हेल्थ के लिए सबसे अधिक जरूरी है।’ 2. नकारात्मकता का कारण समझने की कोशिश करें डॉ. ज्योति कपूर बताती हैं, ‘कई बार व्यक्ति नकारात्मक लोगों से घिरा होता है और उनके कारण वह व्यथित होता रहता है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति उसकी बात सुन लेता है, तो वह उसके सामने नियमित रूप से अपनी पीड़ा प्रकट करने लगता है। यदि आप सुनने वाले में से एक हैं, तो उस व्यक्ति के नकारात्मक होने का कारण समझने की कोशिश करें। इससे उनसे निपटना आसान हो जाएगा। आप उन चुनौतियों पर विचार कर सकती हैं, जिनका वे सामना कर रहे हैं, ताकि आप उनकी नकारात्मकता के प्रति सहानुभूति रख सकें। आप उनकी समस्याओं के समाधान प्रस्तुत करने की भी कोशिश करें। इससे आप व्यक्तिगत रूप से कम प्रभावित महसूस कर सकेंगी।’ 3. बातचीत की बजाय साथ में एक्टिविटी करने की शेड्यूल बनाएं अगर आप किसी व्यक्ति की नकारात्मकता से परेशान हैं, तो उसे अपनी जिंदगी से पूरी तरह से बाहर करने के बारे में नहीं सोचें। आप उससे मिलना-जुलना कम कर सकती हैं। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आप किसी नकारात्मक व्यक्ति के साथ बहुत अधिक समय नहीं बितायें। उनके साथ अपनी भेंट की समय-सीमा छोटी रखें। यदि उनसे रोज मिलना होता है, तो ऐसी गतिविधियां शेड्यूल करें, जिससे आपकी उनके साथ होने वाली बातचीत सीमित हो जाए। उनके साथ मूवी देखने या कोई गेम खेलने की योजना बना सकती हैं। 4. नकारात्मकता दूर करने के लिए ध्यान-योग करें किसी नकारात्मक व्यक्ति के साथ समय बिताने से पहले ध्यान और गहरी सांस लेने, अनुलोम-विलोम जैसी योग प्रक्रियाएं अवश्य करें। इससे आपको अपना ध्यान केंद्रित करने और शांत बने रहने में मदद मिलेगी। जब आप नकारात्मक व्यक्ति के साथ हों, तो अपनी सांसों पर ध्यान दें और वर्तमान में रहने की कोशिश करें। जर्नलिंग या कम दूरी के लिए टहलना जैसी गतिविधियों के माध्यम से तनाव को को दूर करने के लिए समय निकालें। नकारात्मक व्यक्ति को भी हमेशा ध्यान-योग से जुड़ने के लिए प्रेरित करें। ध्यान योग से मेंटल हेल्थ मजबूत होता है और व्यक्ति का मन भी सकारात्मक विचारों से भरता है। 5. कभी भी व्यक्ति को आंकने की कोशिश न करें किसी को "नकारात्मक" के रूप में लेबल करना और उनकी भावनाओं को खारिज करना आसान है। इससे उनके साथ तनाव और गलतफहमी पैदा हो सकती है। यह भी संभव है कि उस व्यक्ति के पास दूसरे गुण हों। अपनी राय बनाने की बजाय उनके प्रति दयालु बनें। उनकी नकारात्मकता को उनके अनुभवों और संघर्षों के प्रतिबिंब के रूप में देखने का प्रयास करें। उनके प्रति सहानुभूति रखते हुए उनसे ईमानदारी के साथ बातचीत करें। बातचीत को सकारात्मक बनाए रखने के तरीके उन्हें भी बताएं। उनके दृष्टिकोण को सुनने का भी प्रयास करें। नकारात्मक होने के कारण उनसे सम्मानपूर्वक संवाद करना कभी नहीं छोड़ें। निर्णय लेने से बचें और अपना खुद का सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करें।

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