Kanpur Maa Tapeshwari Devi Mandir: जहां दर्शन करने से मिलता है संतान सुख
Kanpur Maa Tapeshwari Devi Mandir : नवरात्र में सभी देवी मंदिरों में भक्तगण विशेष रूप से पूजा-अर्चना करते हैं. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कानपुर के मां तपेश्वरी देवी मंदिर में भक्तगण की भीड़ कई गुना बढ़ जाती है. मान्यता है कि रामायण काल और मां सीता के तप से जुड़े इस मंदिर में देवी का दर्शन करने से संतान पाने की मनोकामना पूर्ण हो जाती है.
चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) में देवी दुर्गा के नौ रूपों की बहुत धूमधाम से नौ दिनों तक पूजा की जाती है. कानपुर स्थित मां तपेश्वरी देवी मंदिर में रोजाना की अपेक्षा नवरात्र के दिनों में श्रद्धालुओं की भीड़ कई गुना बढ़ जाती है. फीलखाना स्थित मां तपेश्वरी देवी मंदिर में एक साथ चार देवियां विराजमान हैं. मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन कर हाजरी लगाने से नि:संतान लोगों को संतान की प्राप्ति (Kanpur Maa Tapeshwari Devi Mandir) हो जाती है.
मां तपेश्वरी देवी मंदिर का इतिहास (Maa Tapeshwari Devi Mandir History)
मां तपेश्वरी देवी मंदिर (Maa Tapeshwari Devi Mandir) के प्रांगण में छोटे बच्चों का मुंडन संस्कार और भी कई तरह के मांगलिक कार्यक्रम भी किये जाते हैं. इस ऐतिहासिक मंदिर से जुड़े कई रहस्य भी हैं. इस मंदिर के पुजारी शिव मंगल बताते हैं, ‘इस मंदिर का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है. मंदिर में चार देवियां मां सीता, कमला, विमला और सरस्वती विराजमान हैं. मां सीता ने बिठूर से यहां पर आकर तप किया था. माना जाता है कि सीता जी ने लव-कुश का मुंडन संस्कार भी इसी मंदिर प्रांगण में कराया था. तभी से यह परंपरा चली आ रही है.
नियमित दर्शन करने से हो सकती है संतान की प्राप्ति
यह भी मान्यता है कि यदि स्त्रियां माता रानी के नियमित दर्शन कर हाजरी लगाएं, तो उन्हें जल्द ही संतान की प्राप्ति होती है. मुराद पूरी होने के बाद मंदिर प्रांगण में ही भक्त अखण्ड ज्योति भी जलाते हैं. इसके लिए नवरात्र के एक दिन पहले मंदिर कमेटी से मिलकर बुकिंग कराई जाती है. यह जोत या ज्योति नवरात्रि की शुरुआत से नवमी तक निरंतर जलती रहती है.
मंदिर में मां सीता के साथ विमला, कमला और सरस्वती भी तप किया करती थीं. यह आज भी रहस्य बना हुआ है कि चारों देवियों में मां सीता की मूर्ति कौन सी है? इस मंदिर में नवरात्र के दिनों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है. यहां भक्त कानपुर ही नहीं बल्कि उसके आसपास के जिलों से भी माता रानी के दर्शन करने के लिए आते हैं.
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