Namokar Mantra : सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति दिलाता है नमोकार महामंत्र

Namokar Mantra : लखनऊ में आयोजित हो रहे विश्व नमोकार महामंत्र दिवस के अवसर पर नमोकार महामंत्र की महत्ता बताई गई. अंतिम जैन तीर्थंकर भगवान महावीर के अलावा, अन्य जैन तीर्थंकर भी इस मंत्र का जाप करते थे. भारत के साथ ही दुनिया के 108 देशों में विश्व शांति और सौहाद्र के उद्देश्य से विश्व नमोकार महामंत्र दिवस का आयोजन हुआ. जानते हैं क्या है नमोकार महामंत्र. 10 अप्रैल को संपूर्ण देश महावीर जयंती मना रहा है. जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म बिहार में हुआ था. उत्तर प्रदेश की धरती जैन तीर्थंकरों की पावन भूमि रही है. अयोध्या में भगवान ऋषभदेव का जन्म हुआ था, जो अयोध्या के राजा थे/ अयोध्या में ही 5 तीर्थंकरों ने जन्म लिया. जैन धर्म के पहले तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव समेत ये तीर्थंकर अयोध्या में जन्मे थे- आदिनाथ, अजितनाथ, अभिनंदन नाथ, सुमतिनाथ, अनंतनाथ. जैन परंपरा के मुताबिक, काशी की धरती पर चार तीर्थंकर हुए: सुपार्श्वनाथ, चंद्रप्रभु, श्रेयांशनाथ, पार्श्वनाथ. तीर्थंकरों ने यहीं से धर्म और साधना की परंपरा को आगे बढ़ाया. इसलिए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में दो दिवसीय 'विश्व नमोकार महामंत्र दिवस' का आयोजन किया. इस अवसर पर उन्होंने नमोकार मंत्र की महत्ता (Namokar Mantra ) भी बताई. क्या है नमोकार महामंत्र (Namokar Maha Mantra ) नमोकार महामंत्र (णमोकार मंत्र) जैन धर्म का मूल मंत्र है. इसे पंच नमस्कार मंत्र, नवकार मंत्र, नमस्कार मंगल, या परमेष्ठी मंत्र भी कहा जाता है. यह ध्यान करते समय जैनियों की पहली प्रार्थना है. णमोकार मंत्र: • णमो अरिहंताणं - अरिहंतों को नमस्कार हो • णमो सिद्धाणं - सिद्धों को नमस्कार हो • णमो आयरियाणं - आचार्यों को नमस्कार हो • णमो उवज्झायाणं - उपाध्यायों को नमस्कार हो • णमो लोए सव्व साहूणं - इस लोक के सभी साधुओं को नमस्कार हो • एसो पंच णमोक्कारो - यह पांच परमेष्ठियों को किया हुआ नमस्कार • सव्वपावप्पणासणो - सभी पापो का नाश करने वाला है • मंगलाणं च सव्वेसिं - और सभी मंगलो में • पढमं हवइ मंगलं - प्रथम मंगल है भौतिक, दैवीय और आध्यात्मिक तीनों प्रकार के दुखों से मुक्ति दिलाता है नमोकार महामंत्र शांति, ऊर्जा, सकारात्मकता और विश्व कल्याण के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (जेआईटीओ) की तरफ से किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए गए प्रेरणादायक संदेश का भी उल्लेख किया. उनके अनुसार, प्रधानमंत्री ने व्यवहारिक जीवन में नमोकार महामंत्र को उतारने के लिए नौ संकल्प बताए हैं, जिन्हें हर व्यक्ति को अपनाना चाहिए. नमोकार महामंत्र के महत्व को बताते हुए योगी ने कहा कि यह महामंत्र भौतिक, दैवीय और आध्यात्मिक तीनों प्रकार के दुखों से मुक्ति दिलाने का साधन है. यह सत्य है कि साधना, आत्मशुद्धि और लोक कल्याण की भावना से जुड़कर व्यक्ति न केवल स्वयं का कल्याण करता है, बल्कि समाज और दुनिया के लिए भी प्रेरणा बनता है. सभी 24 तीर्थंकरों का जीवन लोक कल्याण के लिए समर्पित रहा है. उन लोगों ने अपने उपदेशों और साधना के माध्यम से जीवन जीने की एक उच्च परंपरा स्थापित की. जैन धर्म की ये शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं. हर भारतीय को उनसे प्रेरणा लेकर अपने जीवन में अपनाना चाहिए. आत्मा की शांति और विश्व कल्याण का प्रतीक नवकार महामंत्र केवल एक धार्मिक मंत्र नहीं है, बल्कि यह आत्मा की शांति और विश्व कल्याण का प्रतीक है. इसके सामूहिक जाप से पूरे विश्व में सकारत्मकता और एकता का संदेश प्रसारित होता है. इस महामंत्र में अर्हत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु ये पांच प्रकार की महान आत्माएं श्रद्धेय हैं. मान्यता है कि नमोकार महामंत्र 84 लाख मंत्रों की जननी है। यह महामंत्र यशकीर्ति व वैभव देता है. जप तप करें व आत्मसात करें.

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