क्या इस साल रक्षाबंधन पर पड़ेगा भद्रा का साया, जानें कब से कब तक है भद्रा की अवधि
भद्रा नकारात्मकता और विनाश से जुड़ा समय माना जाता है. कभी-कभी राखी बांधने की अवधि के दौरान भी इसका समय होता है. इस साल भद्रा 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे से शुरू होगी और 9 अगस्त को सुबह 1:52 बजे समाप्त होगी. रक्षाबंधन 9 अगस्त को है. इसलिए भद्रा का प्रभाव नहीं रहेगा. भाई-बहन पूरे दिन राखी बांध सकते हैं.
राखी यानी रक्षा बंधन के समय कभी-कभी भद्रा का समय रहता है. दिन के समय भद्रा एक अशुभ अवधि होती है. इस समय राखी बांधना अशुभ माना जाता है. भद्रा नकारात्मकता और विनाश से जुड़ा समय माना जाता है. भद्र को शनि देवता की बहन माना जाता है. जानते हैं इस वर्ष भद्रा काल रहेगा या नहीं.
कब है रक्षाबंधन
इस साल रक्षाबंधन 2025 9 अगस्त को है. रक्षाबंधन 2025 के लिए शुभ मुहूर्त है- सुबह 5 बजकर 47 मिनट से दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक. यह राखी बांधने के लिए बहुत अच्छा समय है.
कब है रक्षाबंधन पर भद्रा का साया
पंचांग के अनुसार, सावन पूर्णिमा की तिथि 8 अगस्त को दोपहर 02.12 पी एम से लग रही है. उस समय से ही भद्रा लग जा रही है. यह भद्रा रक्षाबंधन वाले दिन 9 अगस्त को 01:52 ए एम तक रहेगी.
भद्रा के कारण कब बांधें राखी
इस वर्ष भद्रा 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे से शुरू होगी और 9 अगस्त को सुबह 1:52 बजे समाप्त होगी. रक्षाबंधन 9 अगस्त को है. इसलिए भद्रा का प्रभाव नहीं रहेगा. इसलिए भाई-बहन पूरे दिन राखी बांध सकते हैं.
राखी के दौरान भद्रा से क्यों बचें
पौराणिक कथाओं और किंवदंतियों के अनुसार, भद्रा को विनाशकारी और अशुभ प्रकृति से जोड़ा गया है. इसे शुभ कार्यों के लिए प्रतिकूल माना जाता है. मान्यता है कि भद्रा के दौरान राखी बांधने सहित कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. भाई की भलाई और अवसर की शुभता सुनिश्चित करने के लिए भद्रा के समय के बाद राखी बांधने को कहा जाता है.
रक्षा बंधन के दौरान भद्रा कब होती है (Bhadra in Rakshabandhan)
भद्रा आमतौर पर पूर्णिमा तिथि के पहले भाग के दौरान प्रबल होती है, जिस दिन रक्षा बंधन मनाया जाता है.
भद्रा का सटीक समय हर साल बदलता रहता है, इसलिए भद्रा की विशिष्ट तिथि और समय के लिए एक विश्वसनीय हिंदू कैलेंडर या पंचांग को देखना जरूरी है. 2025 में भद्रा 8 अगस्त से शुरू होगी. इसलिए राखी उस समय के बाद 9 अगस्त को सुबह 5:39 बजे के बाद बांधी जानी चाहिए. भद्रा नकारात्मक परिणाम लाती है. इसलिए राखी भद्रा के समय के बाद बांधी जानी चाहिए.
कौन है भद्रा ( Who is Bhadra)
संस्कृत शब्द भद्रा का अर्थ भाग्यशाली होता है. यह शनि देव की बहन मानी जाती है. भागवत पुराण के अनुसार, भद्रा भगवान कृष्ण की आठ प्रमुख रानी-पत्नियों में से एक अष्टभर्या है. भागवत पुराण में उन्हें कृष्ण की आठवीं पत्नी माना गया है. कभी-कभी उन्हें सातवीं पत्नी के रूप में भी वर्णित किया जाता है. विष्णु पुराण और हरिवंश में उन्हें राजा 'धृष्टकेतु की पुत्री' या 'केकेय की राजकुमारी' के रूप में संदर्भित किया गया है.
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