हाथों से खाना खाना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है या हानिकारक

अमेरिकी राजनेता और फिल्मकार मीरा नायर के पुत्र ज़ोहरान ममदानी इन दिनों हाथों से खाना खाते हुए वीडियो अपलोड करने के कारण चर्चा में हैं. अमेरिका में हाथों से खाना खाने वाले को गंवार कहा जा रहा है, जबकि कई शोध इसे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बताते हैं. फिल्मकार मीरा नायर के पुत्र ज़ोहरान ममदानी इन दिनों चर्चा में हैं. ज़ोहरान एक अमेरिकी राजनेता हैं और 2021 से न्यूयॉर्क राज्य विधानसभा के सदस्य के रूप में कार्यरत हैं. वे न्यूयॉर्क सिटी मेयर के चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार हैं. पिछले दिनों उन्होंने अपना हाथ से खाना खाते हुए वीडियो सोशल साइट पर डाला. उन्होंने फोटो कैप्शन में लिखा-हाथ से खाना खाना मजेदार और स्वास्थ्य के लिए बढ़िया है. उनके इस वीडियो के लिए उनकी विरोधी रिपब्लिकन पार्टी ने लिखा कि हाथ से खाना खाने वाले लोग गंवार होते हैं और यह अन्हाईजेनिक भी है. कुछ शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि हाथ से खाना खाना पाचन तंत्र के लिए बढ़िया है. क्या है हाथ से खाना खाना हाथ से खाना खाना एक कल्चरल प्रैक्टिस है. यह खास तौर पर दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों में आम बात है. शोध बताते हैं कि इससे पाचन में सुधार और स्वाद की बेहतर अनुभूति जैसे लाभ मिलते हैं. यह माइन्डफुल ईटिंग को प्रोत्साहित करता है. इससे व्यक्ति अपने भोजन से जुड़ पाता है और उसके बनावट और स्वाद का पूरी तरह से आनंद ले पाता है. क्या कहते हैं शोध हाथ से खाना खाने के कई वैज्ञानिक लाभ हैं. यह बेहतर ढंग से चबाने और सलाइवा को मिक्स करने की अनुमति देकर पाचन में सुधार कर सकता है. उंगली की हरकत के माध्यम से रक्त परिसंचरण को बढ़ा सकता है. इसके अलावा, हाथ प्राकृतिक थर्मामीटर के रूप में कार्य करते हैं. भोजन के तापमान को मापने में ये मदद करते हैं. ये सेंसरी परसेप्शन को उत्तेजित करते हैं. इससे स्वाद और संतुष्टि बढ़ती है. क्या है इसके पीछे का मनोविज्ञान जर्नल ऑफ़ साइकोलोजी के स्टडी निष्कर्ष बताते हैं कि हाथों से खाना खाना खाने के दौरान मन की शांति को बढ़ावा देने का यह एक स्वाभाविक तरीका बन जाता है. यह हमें खाने के अनुभव पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है. कांटे या चम्मच से खाने पर हमें यांत्रिक रूप से भोजन खाने का अनुभव मिलता है. हाथों का उपयोग करने में अधिक सचेत क्रिया और ध्यान की आवश्यकता होती है. क्या कहता है आयुर्वेद आयुर्वेद का प्राचीन विज्ञान नंगे हाथों और उंगलियों से खाने को बढ़ावा देता है. हमारी आधुनिक जीवनशैली में इसे असामाजिक कहा जा सकता है, लेकिन अपने हाथों से खाना सामाजिक और स्वस्थ कार्य माना जाता है. यह अभ्यास पाचन को उत्तेजित करता है. पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है. यह सुनिश्चित करता है कि भोजन अच्छी तरह से टूट जाए. हाथों से खाना ध्यान को प्रोत्साहित करता है. इस प्रक्रिया में हमारी सभी इंद्रियां शामिल होती हैं- स्पर्श, गंध और स्वाद - ताकि हम हर निवाले का सही अनुभव कर सकें.

Comments

Popular posts from this blog

Sri Sri Ravi Shankar: गलतियों से सीखकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें विद्यार्थी

Buddha Purnima 2025: आध्यात्मिक चिंतन का दिन है बुद्ध पूर्णिमा

Lord Hanuman: क्यों हनुमानजी चिरंजीवी देवता कहलाते हैं