स्ट्रेस बस्टर डायरी
स्ट्रेस बस्टर भी है डायरी
डायरी लेखन न सिर्फ नए आइडियाज और लेखन को सही दिशा देता है, बल्कि तनाव मुक्त भी करता है। यदि आप समय-समय पर अपने परिवेश की महत्वपूर्ण घटनाओं को डायरी में नोट करते हैं, तो संभव है कि वह एक एेतिहासिक दस्तावेज भी बन जाए।
विश्व की 70 से अधिक भाषाओं में अनूदित हाे चुकी है 'द डायरी ऑफ ए यंग गर्ल'। यह विश्व की सबसे अधिक बिकनेवाली किताबों में से एक है। दरअसल, यह एक किशोर जर्मन लड़की एन फ्रैंक की लिखी डायरी है । अपने पिता से उपहारस्वरूप पाई डायरी में एन फ्रैंक ने उसमें न केवल अपनी रोजमर्रा की जिंदगी के बारे में लिखा, बल्कि उस समय द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण दुनियाभर में हो रहे विध्वंसों को भी दर्ज किया था। बाद में यह डायरी उस समय के महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक साबित हुई। आज जब दुनिया कोरोना वायरस के प्रकोप से त्रस्त है, तो लोगों का आत्मविश्वास बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और वे तनावग्रस्त हो रहे हैं। हाल में अमेरिका के एक महत्वपूर्ण अखबार में यह खबर आई कि वर्तमान परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाने के लिए मनोवैज्ञानिक वहां के लोगों को डायरी लिखने की सलाह दे रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि डायरी न सिर्फ आइडियाज को दिशा देने का प्लेटफॉर्म है, बल्कि स्ट्रेस बस्टर भी है। यदि आप अपने परिवेश की महत्वपूर्ण घटनाएं डायरी में नोट करते हैं, तो संभव है कि वह एक एेतिहासिक दस्तावेज भी साबित हो जाए।
लेखन के बीज
दोस्तो, अभी जब कोरोना की वजह से आपका स्कूल जाना बंद है, तो ऑनलाइन कोर्स की पढ़ाई के साथ-साथ आप कहानियों की किताब जैसे कि हैरी पॉटर भी अवश्य पढ़ते होंगे। क्या आप जानते हैं कि लेखिका जे.के. रॉलिंग ने हैरी पॉटर का खाका सबसे पहले अपनी डायरी में ही खींचा था। एक दिन ट्रेन में जब वे अपनी डायरी उलट-पुलट रही थीं, तो उन्हें हैरी पॉटर जैसे पात्र की रचना करने का ख्याल आया और उसे उन्होंने तुरंत डायरी में नोट कर लिया। प्रसिद्ध लेखिका और समाजसेवी सुधा मूर्ति को बचपन में उनकी मां हर दिन की घटनाओं को एक डायरी में नोट करने कहतीं। सुधा मूर्ति बताती हैं कि उनमें लेखन के बीज वहीं से पड़े। डायरी लेखन से ही मुझमें कहानियां लिखने की आदत विकसित हुई। आपको भी दिनभर हजारों अच्छे-बुरे ख्याल आते होंगे। यदि आपको अब तक उसे डायरी में नोट करने की आदत नहीं है, तो आज से ही इसकी शुरुआत कर दें। यदि किसी दोस्त से हुई लड़ाई या किसी बड़े से मिली डांट से आप परेशान हैं, तो उसे भी नोट करने की आदत डालें। आप देखेंगे कि लिखने के साथ ही आप तनावमुक्त महसूस कर रहे हैं। साथ ही अगर क्लास, घर या किसी अन्य स्थान पर आपकी किसी ने तारीफ की है या अपने आसपास कोई महत्वपूर्ण घटना घटते हुए देख रहे हैं, तो उसे नोट करना भी न भूलें। प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक मार्क ट्वेन के बारे में यह प्रचलित है कि वे हर अच्छी-बुरी घटना को डायरी में नोट करते जाते थे। बाद में उन्हें ही आधार बनाकर कई महत्वपूर्ण किताबें तैयार की।
इनोवेटिव आइडियाज के स्रोत
अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर स्थान दिलाने वाले महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई की सबसे बड़ी खूबी यह थी कि जो भी व्यक्ति उनके संपर्क में आता, उनके साथ महत्वपूर्ण बातचीत करता, वे उन्हें न सिर्फ याद रखते, बल्कि डायरी में नोट भी करते। उनकी तरह ही रमन इफेक्ट रिसर्च के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाले महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट रमन भी महत्वपूर्ण बातों को डायरी में लिखते जाते। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने हाल ही में सोशल साइट पर यह बात शेयर की कि फेसबुक की अवधारणा पहले उन्होंने डायरी के पन्नों पर ही तैयार की थी। प्रसिद्ध लेखक और बिजनेसमैन अश्विन सांघी कहते हैं, ' कई इनोवेटिव आइिडयाज का जरिया हमारी डायरी बनती है। हमें जो कुछ दिमाग में आता है, उसे हम नोट करते जाते हैं। जरूरी नहीं आप उस समय क्रिएटिव मूड में रहे हीं। बाद में जब आप उन आइडियाज को पढ़तेे हैं, तो उस पर आगे काम करने के आपको उपाय सूझते हैं। अभी मेरे दिमाग में तीन कहानियाें का प्लॉट है, जिन्हें मैंने डायरी में नोट कर लिया है। इन पर मैं बाद में लिखूंगा।'
जगाती है देशप्रेम की भावना
प्रसिद्ध कंपनी पीरामल के ग्रुप डायरेक्टर व बेस्टसेलर रायटर हरिंदर सिक्का 1999 में जंग छिड़ने पर आर्मी की परमिशन लेकर कारगिल गए और वहां का अवलोकन व अनुसंधान कर डायरी में नोट किया। इस नोट के आधार पर जब उन्होंने किताब 'कॉलिंग सहमत' तैयार कर लिया, तो वे देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत थे। हरिंदर कहते हैं, ' जब भी मैं अपने नोट्स को पढ़ता, तो मुझमें देश प्रेम की भावना भरती जाती। मैंने तभी तय किया कि आगे मैं सिर्फ देश का गौरव बढ़ाने वाली व सच्चाई पेश करने वाली कहानियां ही लिखूंगा। स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान जब महान वीर भगत सिंह जेल में कैद थे, तो वे रोज डायरी लिखा करते। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि फांसी पर चढ़ने वाले दिन भी उन्होंने डायरी लिखी थी। उनकी डायरी में अंकित देशभक्ति के भाव जगाने वाली उनकी पंक्तियों ने लाखों नवयुवकों में देश के प्रति प्रेम पैदा किया। इतिहास के रिटायर्ड प्रोफेसर व साहित्यकार शरद पगारे कहते हैं, ' गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर, नेल्सन मंडेला आदि जैसे महान लोगों की लिखी डायरियां या नोट्स न सिर्फ देशप्रेम की भावना जगाती हैं, बल्कि विस्तृत अध्ययन करने के लिए भी प्रेरित करती हैं। '
मिलता है सुकून
लोकप्रिय मोटीवेशनल स्पीकर, आईएएस आॅफिसर व लेखक निशांत जैन पिछले कई सालों से रोज दस-पंद्रह मिनट डायरी लिखते आ रहे हैं। रोजाना जो वे कुछ खास करते या महसूस करते हैं, उन्हें वे नोट कर लेते हैं। आजकल तो ऑनलाइन डायरियां भी उपलब्ध हैं। समयाभाव के कारण निशांत अपनी डायरी मोबाइल में ही लिख लेते हैं। जब वे आईएएस की तैयारी कर रहे थे, तब से उन्होंने लिखना शुरू किया। वे कहते हैं, ' डायरी लिखने से आपको सुकून मिलता है। मन में जो विचार आपको बहुत परेशान कर रहे होते हैं या ऐसे विचार जो आपके मन पर हावी हो जाते हैं, यदि आप उन्हें डायरी में शब्द दे देंगे, तो आप बहुत रिलैक्स महसूस करेंगे।' वे कभी-कभार खराब अनुभवों को भी नोट कर लेते हैं। उनके अनुसार, खराब अनुभवों से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। निशांत किशोरों को संदेश देते हैं ' डायरी लिखने के लिए अलग से समय निकालने की कोई जरूरत नहीं है। जब भी समय मिले डायरी लिख लें।' वे खुद ऑफिस से घर जाने के समय गाड़ी में खाली बैठे रहने पर डायरी लिख लेते हैं। टीनएजर रायटर तुषार ऋषि जब कैंसर जैसी भयानक बीमारी से पीड़ित हो गए, तो वे हॉस्पिटल में रोज अपने अनुभवों को डायरी में नोट करते जाते। इससे उन्हें न सिर्फ रोग से लड़ने में आत्मबल मिलता, बल्कि समय भी अच्छी तरह से कट जाता। रोगमुक्त होने के बाद जब वेे अस्पताल से घर आए, तो डायरी में दर्ज किए गए अनुभवों के आधार पर किताब लिखी 'पेशंट पेशंट '। यह किताब पाठकों के बीच खूब पसंद की गई।
लेखक बनने की पहली सीढ़ी
मैं अपने पास हमेशा एक छोटी डायरी या नोटबुक और पेंसिल रखता हूं। जब भी कोई विचार आते हैं, तो मैं उन्हें नोट कर लेता हूं। लेखक बनने की पहली सीढ़ी है डायरी लेखन। यदि आप विचारों को तुरंत नोट करने की आदत नहीं डालेंगे, तो बाद में उस विषय के भूल जाने की संभावना बनी रहती है।
रस्किन बॉन्ड, लोकप्रिय लेखक
तुरंत नोट करें आइडिया
पिछले चालीस साल से भी अधिक समय से मैं रोजमर्रा की खास बातों को डायरी में नोट करती आ रही हूं। मैं डायरी कभी भी लिख लेती हूं। मेरे कई कहानियों का आधार मेरी डायरी है। आपको जब भी दिमाग में कुछ बात आए, तो उसे तुरंत डायरी में नोट कर लें।
मालती जोशी, उपन्यासकार व बाल साहित्यकार
तनाव से मुक्त होने का साधन
विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम है डायरी। यदि अाप अपनी बातों को किसी दूसरे व्यक्ति से शेयर नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें डायरी में लिख लेने से आप हल्का महसूस करते हैं। जब कभी किसी समस्या के कारण आप परेशान हों, तो बीते समय की सुखद यादों, घटनाओं को डायरी में नोट करें। इससे आप तनावमुक्त महसूस करेंगे।
दीपाली बत्रा, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट
स्मिता
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