किचन में ही रहेंगी या रंग भी खेलेंगी महिलाएं
गुझिया, मालपुआ, दहीबड़ा, ठंढई..., ये सभी पकवान और पेय पदार्थ तैयार करते हुए होली के दिन भी महिलाओं को रसोई से फुर्सत नहीं मिल पाती है। लोगों से मिलने-मिलाने वाले इस त्योहार में वे इतनी थक जाती हैं कि वे इसे एंजॉय भी नहीं कर पाती है. विशेषज्ञ बताती हैं कि यदि महिलाएं टाइम को सही तरीके से मैनेज करना सीख जाएं, तो वे घर की तमाम जिम्मेदारी निभाते हुए खुद के लिए समय निकाल पाएंगी और होली को एंजॉय भी कर पाएंगी।
होली का त्योहार नजदीक आ चुका है। होली सिर्फ रंग खेलने का ही त्योहार नहीं है, बल्कि कई तरह की पारंपरिक रस्में निभाने और पारंपरिक व्यंजन-पेय पदार्थ तैयार करने, खाने-खिलाने का भी उत्सव है। बिना मेहमाननवाजी के तो इस त्योहार का रंग फीका है। नतीजा यह होता है कि होली में महिलाएं जिम्मेदारी और काम के बोझ से दब जाती हैं। गृहणी हों या कामकाजी महिलाएं त्योहार के दिन पकवान बनाते हुए उनका ज्यादातर समय रसोई में ही बीतता रहता है। ऐसी स्थिति में वे न तो अपने लिए समय निकाल पाती हैं और न अच्छे से होली का मजा ले पाती हैं। आखिर वे क्या करें कि वे होली को एंजॉय कर पाएं!
खुद आगे आना होगा महिलाओं को
सुप्रसिद्ध अमेरिकी लाइफ कोच अपनी किताब “सुपरवुमन : एसकेपिंग द मिथ” में कहती हैं कि स्त्रियां किसी भी देश की हों, कमोबेश घर की जिम्मेदारी उनके कंधों पर अधिक होती है। स्त्रियां भी घर हो या बाहर किसी भी मोर्चे पर चूकना नहीं चाहती हैं। वर्क फ्रंट और होम फ्रंट दोनों जगहों पर वे मुस्तैदी के साथ हर काम पूरा करने की चाहत होने के कारण वे सेल्फ केयर नहीं कर पाती हैं, खासकर उत्सव-त्योहार के अवसर पर। वास्तव में उन्हें हर हाल में खुद आगे आकर अपने लिए समय निकालना होगा। तभी उनकी जिंदगी खुशनुमा हो पाएगी।
यहां हैं होली के लिए पकवान बनाने के बावजूद अपने लिए समय निकालने के टिप्स
1 हर हाल में त्योहार के पहले योजना बना लें
अगर आप होली पर गुझिया, मालपुआ आदि बाज़ार से मंगा लेंगी, तो संभवतः कोई कुछ नहीं कहेगा। लेकिन महिलाएं अपने स्वभाव के अनुसार, काम नहीं करने पर व्यथित होती रहती हैं। यदि आप होली में गिल्ट फ्री रहना चाहती हैं और परिवार को होली के पकवान भी खिलाना चाहती हैं, तो होली की तैयारी एक सप्ताह पहले से शुरू कर दें। होली से पहले किये जा सकने वाले काम की पहचान करें और उनकी सूची बना लें। कौन काम पहले करना है, उसकी भी प्राथमिकता तय करें। यदि आप वर्किंग हैं, तो पहले किए जाने वाले ऑफिस के कार्यों की पहचान कर लिस्ट बना लें। ऑफिस वर्क और परिवार से जुड़ी दोनों तरह की गतिविधियों को अपने-अपने स्थान पर निपटाना शुरू कर दें। उदहारण के लिए घर में जहां दहीबड़ा और मालपुआ का घोल एक दिन पहले तैयार कर सकती हैं, वहीँ ऑफिस में डेडलाइन पर काम पूरा करने के लिए उसकी प्लानिंग कुछ दिन पहले कर सकती हैं। इस तरह आप पाएंगी कि घर और ऑफिस दोनों जगहों पर आप बिना दवाब महसूस किए समय पर बेहतर तरीके से काम कर पा रही हैं।
उदाहरण के लिए कई बार त्योहार शुरू होने के किसी दिन शाम को घर -परिवार के कार्यक्रम होते हैं, तो ऑफिस में भी डेडलाइन पर महत्वपूर्ण काम करना होता है। यदि योजना बनाकर काम किया जाए, तो घर-परिवार के कार्यक्रम के दिन ऑफिस से जल्दी निकला जा सकता है। पर्सनल और प्रोफेशनल प्रतिबद्धताओं को ट्रैक करने के लिए गूगल कैलेंडर या मोबाइल प्लानर जैसे टाइममैनेजमेंट टूल का उपयोग किया जा सकता है। इससे अपने शेड्यूल का पता चलता रहेगा।
2. अपनी स्पष्ट सीमा तय करें
घर हो या बाहर, संतुलन बनाए रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। इसके लिए काम की अपनी सीमा तय करना जरूरी है। जिस तरह से ऑफिस में वर्काहोलिक बनना करियर और मेंटल हेल्थ, दोनों के लिए नुकसानदेह है। उसी तरह से घर में भी सभी जिम्मेदारी खुद ओढ़ लेना सही नहीं है। होली जैसे बड़े त्योहार के लिए परिवार के सदस्यों के बीच काम का बंटवारा करना जरूरी है। चाहे उपहारों की खरीदारी हो, घर को सजाना हो या खाना बनाना हो, इन ज़िम्मेदारियों को सदस्यों के साथ साझा किया जा सकता है। इससे न केवल आप पर काम का बोझ कम हो जाएगा, बल्कि सभी सदस्यों को त्योहार में शामिल होने का सुखद एहसास भी होगा। उदाहरण के लिए यदि आप मीठे व्यंजन तैयार करने जा रही हैं, तो नमकीन व्यंजन की तैयारी का भार किसी अन्य सदस्य को दे दें। इसके अलावा, यदि आप ऑफिस से छुट्टी लेना चाहती हैं, तो अपने मैनेजर और टीम के साथियों को त्योहार के एक सप्ताह पहले अपनी उपलब्धता के बारे में बता दें। एक स्पष्ट आउट-ऑफ-ऑफ़िस सूचना भेजें और अपनी छुट्टी शुरू होने से पहले ज़रूरी काम निपटा लें। वर्क लाइफ बैलेंस के लिए सुविधा उपलब्ध रहने पर खास कर त्योहारों में वर्क फ्रॉम होम भी किया जा सकता है। अगर ऑफिस में त्योहार के समय कुछ जरूरी काम निपटाना है, तो अपनी अनुपलब्धता के बारे में परिवार को बता दें। अगर किसी दिन ऑफिस वर्क के कारण घर पर नहीं रह पाती हैं, तो उसके बदले में दूसरे दिन बहुत कार्यभार लेकर खुद को थकाएं नहीं।
3 . अपनी प्रोड्क्टिविटी बढ़ाने के लिए करें टाइम ब्लॉकिंग
भारत की प्रसिद्ध लाइफ कोच सोनाली सिंह “सुत्राज ऑफ़ लाइफ” में बताती हैं कि अपने लिए समय निकालने के लिए समय का सही तरीके से प्रबंधन पहली शर्त है। टाइम मैनेजमेंट का सबसे सरल और सबसे प्रभावी तकनीकों में से एक है टाइम ब्लॉकिंग। इस विधि में दिन के चार प्रहर के अनुसार काम को बांटा जाता है। उदाहरण के लिए आप अपनी सुबह को कठिन कार्य के लिए रख सकती हैं। सुबह तरोताजा होने के कारण कठिन काम भी समय पर संपन्न हो सकते हैं। वहीँ घर-ऑफिस के जिस काम को दो-चार लोगों के सहयोग से संपन्न करना हो, उसके लिए दोपहर का समय नियत कर सकती हैं। इसी तरह आप शाम को पारिवारिक गतिविधियों, खरीदारी या त्योहार की अन्य तैयारियों के लिए समय निकाल सकती हैं। ऐसा करने से आप त्योहार के समय मल्टीटास्किंग करने से बच सकती हैं। प्रत्येक काम के लिए समय निकालने के लिए व्यावहारिक बनें, क्योंकि किसी भी काम को पूरा करने में ज्यादा समय भी लग सकता है।
4. भविष्य की बजाय हमेशा वर्तमान में मौजूद रहें
आप ऑफिस गोअर हैं या हाउस वाइफ, भविष्य में रहने की बजाय हमेशा वर्तमान में रहने की कोशिश करें। यदि आप ब्यूटी सलून गई हैं, तो सिर्फ अपनी देखभाल पर ध्यान दें। उस समय किसी ऑफिस फ़ाइल या गुझिया की तैयारी के बारे में नहीं सोचें। यदि आप ऑफिस में हैं, तो सिर्फ काम पर ध्यान केंद्रित करें। जब आप अपने परिवार के साथ हों, तो पूरी तरह से उनके साथ मौजूद रहें। पारिवारिक समय के दौरान ईमेल चेक करना या जल्दी-जल्दी किसी काम को निपटाना आपको मल्टीटास्कर होने का गुमान दिला सकता है, लेकिन इससे अक्सर ध्यान बंट जाता है। इससे दोनों तरफ असफलता मिल सकती है। वर्तमान में बने रहने के लिए पारिवारिक समय के दौरान विशिष्ट “नो वर्क जोन” अपनाना जरूरी है। पारिवारिक भोज, त्योहार के लिए किए जाने वाले अनुष्ठान या किसी भी सामाजिक समारोहों के दौरान अपने-आपको पूरी तरह से ऑफिस के काम से मुक्त रखें। इसी तरह ऑफिस वर्क के दौरान प्रोडक्टिविटी बनाए रखने के लिए व्यक्तिगत और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बारे में कम से कम सोचें। यदि आप हाइब्रिड या वर्क फ्रॉम होम मॉडल के तहत काम कर रही हैं, तो घर पर एक निश्चित वर्क प्लेस बनाएं, ताकि मानसिक रूप से काम को घरेलू जीवन से अलग किया जा सके। इससे आप त्योहार के दौरान थकान भी अनुभव नहीं करेंगी ।
5 . “ना” कहना सीखें
जरूरी नहीं है कि होली से पहले होलिका दहन के सोसाइटी प्रोग्राम में शामिल हुआ जाए। त्योहारों के मौसम में हर कार्यक्रम में शामिल होने का दबाव चाहे वह पारिवारिक समारोह हो या ऑफिस से जुड़ा कोई आयोजन किसी भी महिला के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है। इससे त्योहार पूर्व की जाने वाली तैयारियों की प्लानिंग चौपट हो सकती है। आपको हर काम या आयोजन के लिए “हां” कहने की ज़रूरत नहीं है। अपने समय और ऊर्जा दोनों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए “ना” कहना सीखना ज़रूरी है। उन कार्यक्रमों या किसी ख़ास काम को विनम्रता से मना करें, जो आपकी प्राथमिकताओं से मेल नहीं खाते हैं या जहां आपकी उपस्थिति बिल्कुल ज़रूरी नहीं है। चाहे वह कोई ऐसा काम हो जिसे बाद में किया जा सकता है या कोई पारिवारिक कार्यक्रम जिसे आप छोड़ना चाह रही हैं, बिना झिझके उसे “ना” कह दें। इससे आपको उन चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है, जो सबसे ज़्यादा मायने रखती हैं। मना करते समय विनम्रता से बात करना जरूरी है। आप कोई उपहार भेजने या वर्चुअल रूप से शामिल होने का विकल्प भी सुझा सकती हैं।
6 जिम्मेदारी बढ़ने के बावजूद अपना ख्याल रखें
मनोचिकित्सक डॉ. ईशा सिंह बताती हैं, ‘होली जैसे बड़े त्योहार शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से थका देने वाले साबित हो सकते हैं। लंबे समय तक काम करना, पारिवारिक दायित्व और देर रात तक जश्न मनाना आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। इस व्यस्त अवधि के दौरान अपना ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है।
जिम्मेदारी बढ़ने के बावजूद पर्याप्त नींद लें, हाइड्रेटेड रहें और त्योहार के बाद पूरे दिन का ब्रेक लें।’ डॉ. ईशा आगे सलाह देती हैं कि त्योहारों पर तेल-मसाले वाले और जंक फ़ूड खाने का मन करे, तो भी स्वस्थ खाने को प्राथमिकता दें। ऊर्जा से भरपूर रहने के लिए कुछ न कुछ शारीरिक गतिविधि करने की कोशिश करें। याद रखें कि अगर आप थकी हुई हैं, तो आप अपने परिवार के साथ एंजॉय नहीं कर सकती हैं और ऑफिस में भी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकती हैं। तनाव कम करने के लिए अपनी दिनचर्या में गहरी सांस लेना, ध्यान लगाना या योग जैसी रिलैक्स करने वाली तकनीकें शामिल करें।
होली का ले सकती हैं मजा यदि खुद को मल्टीटास्कर समझना छोड़ दें
आप एक इंसान हैं, कोई देवी-देवता नहीं। इसलिए आप हर काम को खुद नहीं कर सकती हैं. मल्टीटास्कर बनने के चक्कर में आप शारीरिक और मानसिक, दोनों तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को आमंत्रण दे सकती हैं। दिन भर किचन में घुसे रहने की बजाय आप भी होली का मजा लें। इसके लिए एक सप्ताह पहले से त्योहार की तैयारी शुरू कर दें। होली के समय बनने वाले सूखे स्नैक्स पहले से बनाकर डिब्बे में पैक कर लें। होली के दिन पहने जाने वाले कपड़े और अन्य बेडशीट, परदे आदि की भी सप्ताह-दो सप्ताह पहले खरीदारी कर लें। सबसे बड़ी बात कि त्योहार के दिन किए जाने वाले काम की जिम्मेदारी परिवार के सदस्यों के बीच बांट लें। पति और बच्चों से भी जरूर मदद लें। आखिर यह त्योहार सभी का है। अहम यह भी है कि जो काम आपसे नहीं हो पा रहा है या कठिन लग रहा है, उसके लिए ना कहना सीखें। जो सदस्य इस काम को करने में निपुण हैं, उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेने कहें। पर्व-त्योहार के अवसर पर नियमित रूप से ध्यान-योग के लिए समय निकालें। इससे आप कूल रहेंगी और काम करते हुए भी त्योहार का मजा ले सकेंगी।
बिनीता यादव, लाइफ कोच और योग विशेषज्ञ
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