Srimad Bhagavat Katha Benefits: चेतना को कैसे जगा सकती है श्रीमद्भागवत कथा
Srimad Bhagavat Katha Benefits: सुप्रसिद्ध कथावाचक आचार्य अतुल द्विवेदी के अनुसार, श्रीमद्भागवत कथा सुनने से आत्मा की शुद्धि हो सकती है. यह चेतना को जागृत अवस्था में लाने का सबसे सशक्त माध्यम हो सकता है.
भागवत पुराण को श्रीमद्भागवतम्, श्रीमद्भागवत महापुराण या केवल भागवत के नाम से भी जाना जाता है. यह हिंदू धर्म के अठारह प्रमुख पुराणों में से एक है. वैष्णव धर्म में सबसे लोकप्रिय पुराणों में से एक भागवत पुराण है. व्यक्ति को यदि अपनी आत्मा की शुद्धि करनी है और अपनी चेतना को जाग्रत करना है, तो वह श्रीमद्भागवत कथा सुन सकता है. देश के लोकप्रिय कथावाचकों में से एक आचार्य अतुल द्विवेदी ने श्रीमद्भागवत कथा को चेतना को जागृत करने का सबसे सशक्त माध्यम (Srimad Bhagavat Katha Benefits) माना है.
भगवान नारायण के केवल अवतारों का वर्णन (Lord Narayan Avtar Story)
श्रीमद्भागवत महापुराण में भगवान नारायण के केवल अवतारों का वर्णन है. नैमिषारण्य में शौनकादि ऋषियों के अनुरोध पर लोमहर्षण के पुत्र उग्रश्रवा सूत जी ने इस पुराण के माध्यम से श्रीकृष्ण के चौबीस अवतारों की कथा कही है. श्रीमद्भागवत महापुराण में श्रीकृष्ण के दिव्य एवं अलौकिक स्वरूप का बार-बार वर्णन किया गया है.
कैसे चेतना जगाती है कथा (Katha for Self Consciousness)
श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य को उसके स्वरुप का बोध करा देती है. अपने स्वरुप को समझने के लिए व्यक्ति को लौकिक और व्यावहारिक कर्म छोड़कर आध्यात्मिकता का सहारा लेना पड़ता है. जब वह निःस्वार्थ भाव से ईश्वर के प्रति समर्पण कर देता है, तो वह धीरे धीरे सांसारिक माया मोह से ऊपर उठने लगता है और उसकी चेतना जागृत होने लगती है. उस समय उसे यह एहसास प्रबल होने लगता है कि वह यानी उसकी आत्मा परमात्मा का ही अंश है .
कथा श्रवण से जीव को मोक्ष की प्राप्ति (Moksha Marg)
कथा वाचक आचार्य अतुल द्विवेदी ने कहा कि श्रीमद्भागवत ही ऐसा पवित्र ग्रंथ है, जिसकी श्रद्धापूर्वक श्रवण से जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह कथा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और चेतना की जागृति का सशक्त माध्यम है. भागवत कथा सुनने से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से गोकर्ण के भाई धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति मिली थी.
पितृ दोष व प्रेत बाधाओं की मुक्ति का उपाय (Katha for Pitri Dosh)
यह ग्रंथ पितृ दोष व प्रेत बाधाओं की मुक्ति का प्रामाणिक उपाय है. भगवान सूर्य नारायण ने भी कलियुग में श्रीमद्भागवत को असीम कृपा दिलाने वाला ग्रंथ बताया है.कलियुग में केवल भगवान का नाम जपने मात्र से ही सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं. मानव जीवन दुर्लभ है और इसे दूसरों के कल्याण में समर्पित करना ही सच्चा धर्म है.
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