मुंहासे के कारण हुए निशान हट सकते हैं
एक निश्चित उम्र तक मुंहासे होना आम बात है, लेकिन इनके छोड़े गए निशान ख़ूबसूरती को बिगाड़ देते हैं। एक्सपर्ट के बताए कुछ उपाय हैं, जो मुंहासे के निशान को खत्म कर सकते हैं।
चेहरे, छाती और पीठ पर मुंहासे के निशान बहुत आम हैं। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के शोध निष्कर्ष के अनुसार, 11 से 30 वर्ष की आयु के लगभग 80% लोगों को मुंहासे हो जाते हैं और उनमें से पांच में से एक व्यक्ति को मुहांसे के निशान यानी एक्ने स्कार हो जाते हैं। किशोरों को उनके हॉर्मोन में बदलाव के कारण मुहांसे और उसके कारण दाग-धब्बे होते हैं। वहीँ वयस्कों में तनाव, पर्यावरण, मासिक धर्म चक्र, तेल आधारित उत्पाद और गर्भनिरोधक गोलियां भी इसके लिए ज़िम्मेदार हो सकती हैं। वयस्कों में भी हॉर्मोन में बदलाव मुंहासे के कारण बन सकते हैं। निशान को कम करने के लिए घरेलू उपचार, ओवर-द-काउंटर दवा और त्वचा विशेषज्ञ के उपचार की जरूरत पड़ सकती है।
क्यों होते हैं मुंहासे
त्वचा की तीन मुख्य परतें होती हैं- एपिडर्मिस, डर्मिस और हाइपोडर्मिस. ये परतें शरीर के नाजुक अंदरूनी हिस्सों को बाहरी धूल-कण, यूवी किरणों और बैक्टीरिया से बचाती हैं। वे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में विटामिन डी का उत्पादन करने में भी मदद करती हैं। वसा की मौजूदगी वाला कोई भी क्षेत्र मुंहासे से ग्रस्त हो सकता है - विशेष रूप से चेहरा, पीठ और छाती।
दरअसल त्वचा में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं, जिनसे तेल और पसीना सतह पर आते हैं। बैक्टीरिया, तेल और मृत त्वचा छिद्रों को भर देती है और उनमें सूजन पैदा कर मुंहासे बना देती है। हर घंटे त्वचा की लगभग 40,000 कोशिकाएं मृत हो जाती हैं। कभी-कभी ये मृत कोशिकाएं रोमछिद्रों को बंद कर देती हैं। कभी-कभी बंद रोमछिद्र आकार में छोटे व्हाइटहेड्स या ब्लैकहेड्स का कारण बनते हैं।
क्यों पड़ते हैं मुंहासे के निशान
सीनियर डर्मेटोलोजिस्ट डॉ. गीतिका सनोदिया बताती हैं, ‘मुंहासे के दाग सूजन का परिणाम होते हैं। मुंहासे या एक्ने के छिद्र सूज जाते हैं और छिद्र की दीवार में टूट-फूट हो जाती है। इसके कारण निशान पड़ जाते हैं। कुछ मुंहासे के दाग छोटे होते हैं। बड़े निशान उथले होते हैं और जल्दी ठीक हो जाते हैं। कभी-कभी मुंहासे की सामग्री आस-पास के ऊतकों में फैल जाती है और गहरे निशान पैदा करती है। त्वचा घाव और मुंहासे को ठीक करने में मदद करने के लिए कोलेजन (मरम्मत ऊतक) बनाती है। ऊतक के नुकसान के कारण निशान विकसित होता है। उसके कारण त्वचा की सतह पर एक गड्ढा बन जाता है। ध्यान रखें कि सभी मुंहासे के निशान नहीं पड़ते हैं। अगर त्वचा बहुत अधिक कोलेजन बनाती है, तो उभरे हुए निशान बन जाते हैं।’
मुंहासे के कारण होने वाले निशान से निपटने के उपाय
घर पर किए जाने वाले उपाय
सनस्क्रीन का उपयोग करने से त्वचा पर मुंहासे के निशान नहीं दिख सकते हैं। कुछ औषधीय क्रीम जैसे कि एज़ेलिक एसिड या हाइड्रॉक्सिल एसिड युक्त क्रीम भी मदद कर सकती हैं। सिर्फ़ एक हफ़्ते में मुहांसों के निशान पूरी तरह से हटाना बहुत मुश्किल है, लेकिन कई प्राकृतिक उपचार उन्हें कम करने और जल्दी ठीक होने में मदद कर सकते हैं। शहद, हल्दी, एलोवेरा या नींबू के रस के मिश्रण को लगाने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से समय के साथ निशान हल्के हो सकते हैं और त्वचा की रंगत में सुधार हो सकता है।
मुंहासे के निशान जिद्दी होते हैं। कोई भी एक उपचार सभी के लिए अच्छा नहीं होता है। त्वचा विशेषज्ञ की सलाह पर ही किसी एक उपचार को अपनाया जा सकता है।
1 लेजर रिसर्फेसिंग
डॉ. गीतिका सनोदिया बताती हैं, ‘ लेजर रिसर्फेसिंग इन दिनों तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह अक्सर उन निशानों पर इस्तेमाल किया जाता है, जिनका पहले डर्माब्रेशन से इलाज किया जा चुका है। लेजर रिसर्फेसिंग तकनीक आजमाने पर गहरे रंग की त्वचा वाले या केलोइड्स (चोट या घाव के कारण स्किन के अंदर ऊतक बढ़ जाता है) वाले लोगों के लिए साइड इफ़ेक्ट का जोखिम बढ़ सकता है।
2 सॉफ्ट टिश्यू फिलर्स
त्वचा के नीचे कोलेजन, वसा या अन्य पदार्थों को इंजेक्ट किया जाता है। इससे उभरे हुए निशान वाले स्थान की त्वचा को मोटा कर दिया जाता है। इससे निशान कम दिखाई देते हैं। परिणाम अस्थायी होते हैं, इसलिए प्रभाव को बनाए रखने के लिए बार-बार उपचार कराने की जरूरत पड़ती है। इस विधि में त्वचा के रंग में परिवर्तन का जोखिम बहुत कम होता है।
3 स्टेरॉयड इंजेक्शन
कुछ प्रकार के उभरे हुए निशानों में स्टेरॉयड को इंजेक्ट करने से त्वचा की बनावट में सुधार हो सकता है।
4 ऊर्जा-आधारित प्रक्रिया
यह प्रक्रिया त्वचा की बाहरी परत को नुकसान पहुंचाए बिना उपयोग में लाई जाती है। इसमें बहुत अधिक प्रकाश और रेडियोफ्रीक्वेंसी डिवाइस निशानों को कम करने में मदद करते हैं। इस प्रक्रिया को भी बार-बार आजमाने की जरूरत पड़ती है।
5 डर्माब्रेशन
यह प्रक्रिया आमतौर पर अधिक गंभीर निशानों के लिए अपनाई जाती है। इसमें त्वचा विशेषज्ञ तेजी से घूमने वाले ब्रश या अन्य उपकरण से त्वचा की ऊपरी परत को हटा देते हैं। इस प्रक्रिया में ऊपरी निशान पूरी तरह से हट सकते हैं। मुंहासे के गहरे निशान कम दिखाई दे सकते हैं।
6 केमिकल पीलिंग
त्वचा की ऊपरी परत को हटाने और गहरे निशानों को कम करने के लिए निशान वाले स्थान के नीचे ऊतक पर एक रासायनिक घोल लगाया जाता है। सकारात्मक परिणाम पाने के लिए यह प्रक्रिया दोहराई भी जाती है। इसमें ध्यान यह देना होता है कि सिर्फ पहली बार गहराई के साथ केमिकल पील लगाया जाता है। इस प्रक्रिया में साइड इफेक्ट के रूप में स्किन कलर में बदलाव सामने आ सकता है। विशेष रूप से गहरे रंग की त्वचा पर इस्तेमाल करने पर ऐसा परिणाम आ सकता है।
7 त्वचा पर सुई लगाना या बोटॉक्स इंजेक्शन
त्वचा के नीचे ऊतक में कोलेजन गठन को उत्तेजित करने के लिए डॉक्टर त्वचा पर एक सुई लगी हुई डिवाइस को घुमाता है। यह मुंहासे के निशान के लिए एक सुरक्षित, सरल और प्रभावी तकनीक है। इसमें त्वचा के रंग खराब होने का जोखिम बहुत कम होता है। बढ़िया परिणाम पाने के लिए इस विधि को भी बार-बार उपयोग में लाया जाता है।
8 सर्जरी
पंच एक्सिशन नामक एक छोटी सी प्रक्रिया का उपयोग करते हुए डॉक्टर मुंहासों से बने हुए अलग-अलग निशान को हटाता है। टांके या स्किन ग्राफ्ट से घाव की मरम्मत करता है। सबसीजन नाम की एक तकनीक के साथ डॉक्टर निशान के नीचे थ्रेड या फाइबर को ढीला करने के लिए त्वचा के नीचे सुई डालता है।
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