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WHO Global Warning : भारत के लिए भी जानलेवा हो सकता है मांस खाने वाला ‘ग्रीन फंगस’

WHO Global Warning : वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने हाल में चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मांस खाने और ‘ग्रीन फंगस’ कहे जाने वाले एस्परगिलस का संक्रमण बढ़ रहा है. इस फफूंद का प्रसार तेजी से हो सकता है. इससे वर्ष 2100 तक लाखों लोगों को जानलेवा फंगल रोग का खतरा हो सकता है. भारत में क्या है स्थिति? ब्रिटेन की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हाल में एक अध्ययन किया है. इससे पता चलता है कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन के कारण फंगल संक्रमण बहुत अधिक बढ़ सकते हैं. इससे वर्ष 2100 तक लाखों लोगों को जानलेवा फंगल रोग का खतरा हो सकता है. इस खतरे पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है. शोध से पता चला है कि बढ़ते तापमान के कारण कई प्रकार की खतरनाक फंगल प्रजातियों के लिए अधिक अनुकूल वातावरण और प्रजनन स्थल विकसित होते हैं. इसके परिणामस्वरूप वे उन क्षेत्रों में भी फैल रहे हैं, जहां ये पहले विकसित नहीं हो सकते थे. यह निष्कर्ष जलवायु परिवर्तन के कारण मानव स्वास्थ्य को होने वाले खतरों को उजागर करने के लिए सामने आया है. क्या है किलर एस्परगिलस फ्यूमिगेटस (Aspergillus Fumigatus) वर्ल्ड हेल्थ ऑर...

किचन में ही रहेंगी या रंग भी खेलेंगी महिलाएं

गुझिया, मालपुआ, दहीबड़ा, ठंढई..., ये सभी पकवान और पेय पदार्थ तैयार करते हुए होली के दिन भी महिलाओं को रसोई से फुर्सत नहीं मिल पाती है। लोगों से मिलने-मिलाने वाले इस त्योहार में वे इतनी थक जाती हैं कि वे इसे एंजॉय भी नहीं कर पाती है. विशेषज्ञ बताती हैं कि यदि महिलाएं टाइम को सही तरीके से मैनेज करना सीख जाएं, तो वे घर की तमाम जिम्मेदारी निभाते हुए खुद के लिए समय निकाल पाएंगी और होली को एंजॉय भी कर पाएंगी। होली का त्योहार नजदीक आ चुका है। होली सिर्फ रंग खेलने का ही त्योहार नहीं है, बल्कि कई तरह की पारंपरिक रस्में निभाने और पारंपरिक व्यंजन-पेय पदार्थ तैयार करने, खाने-खिलाने का भी उत्सव है। बिना मेहमाननवाजी के तो इस त्योहार का रंग फीका है। नतीजा यह होता है कि होली में महिलाएं जिम्मेदारी और काम के बोझ से दब जाती हैं। गृहणी हों या कामकाजी महिलाएं त्योहार के दिन पकवान बनाते हुए उनका ज्यादातर समय रसोई में ही बीतता रहता है। ऐसी स्थिति में वे न तो अपने लिए समय निकाल पाती हैं और न अच्छे से होली का मजा ले पाती हैं। आखिर वे क्या करें कि वे...

Obesity Epidemic 2050 : भारत की एक तिहाई आबादी 2050 तक हो जाएगी मोटी, लांसेट स्टडी

Obesity Epidemic 2050: प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन निष्कर्ष बताते हैं कि भारत में मोटापे को आधिकारिक तौर पर एक प्रमुख नॉन कोम्मुनिकेबल डिजीज के रूप में मान्यता दे देनी चाहिए. 2050 तक भारत में आधे से अधिक वयस्क और एक तिहाई बच्चे और किशोर अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त (Obesity Epidemic 2050) हो जाएंगे. मेडिकल जर्नल लैंसेट के अध्ययन में यह साफ़ तौर पर कहा गया है कि भारत में 2050 तक 21.8 करोड़ पुरुष और 23.1 करोड़ महिलाएं अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होंगी. कुल मिलाकर 44.9 करोड़ या देश की अनुमानित आबादी का लगभग एक तिहाई लोग मोटे होंगे. वैश्विक स्तर पर आधे से अधिक वयस्क और एक तिहाई बच्चे और किशोर अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हो जाएंगे. चिंताजनक रूप से मोटापे का प्रचलन बड़े किशोरों में या 15 से 24 वर्ष की आयु के लोगों में बढ़ (Obesity Epidemic 2050) जाएगा. मोटापे में भारत ने चीन और अमेरिका को पछाड़ा युवा पुरुषों में अधिक वजन या मोटापे का प्रचलन 1990 में 0.4 करोड़ से बढ़कर 2021 में 1.68 करोड़ हो गया. 2050 तक 2.27 करोड़ तक बढ़ने का अनुमान है. युवा महिलाओं में यह...

Nav Sanvatsar 2025: जानें क्यों ख़ास है हिंदू नववर्ष

Nav Sanvatsar 2025: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को हिंदू परंपरा में वर्ष का पहला दिन मनाया जाता है. यह तिथि 30 मार्च 2025 है. यह दिन चैत्र नवरात्रि का भी पहला दिन होता है। इस दिन को हिंदू नववर्ष, नव संवत्सर, गुड़ी पड़वा और चेटी चांद के नाम से भी जाना जाता है. होली के बाद लोग उत्साहपूर्वक हिंदू नव वर्ष (Hindu Nav Varsh) के आगमन की प्रतीक्षा करने लगते हैं. यह दिन उमंग और भक्ति दोनों के लिए खास होता है, क्योंकि चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratra) की भी शुरुआत इसी दिन से हो जाती है. 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत होती है. गौरतलब है कि 1 जनवरी आधुनिक ग्रेगोरियन कैलेंडर की पहली तारीख है. हिंदू धर्म के अनुसार, नया साल चैत्र शुक्ल की पहली तारीख को मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, हिंदू नववर्ष (Hindu New Year 2025) चैत्र महीने से शुरू होता है. यह विक्रम संवत 2082 कैलेंडर वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है. यह तिथि 30 मार्च 2025 रविवार को है. भारत भर में इस दिन को हिंदू नव वर्ष, नव संवत्सर (Nav Sanvatsar 2025) , गुड़ी पड़वा और चेटी चंद भी कहा जाता है. इस अवसर पर नए साल का स्वागत करने के ...

Inflammatory Bowel Syndrome Treatment : कारण का पता चल जाने पर किया जा सकता है आंत के रोग का इलाज

Inflammatory Bowel Syndrome Treatment: यूनाइटेड किंगडम के फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट में हुए एक महत्वपूर्ण शोध के अनुसार, इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) का एक नया प्रमुख कारण खोजा गया है. इससे आंत के रोगों जैसे कि क्रोहन और कोलाइटिस के बारे में बेहतर समझ विकसित हो सकती है. भविष्य में इससे संभवतः नए उपचार भी सामने आ सकते हैं. यूनाइटेड किंगडम के फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) का एक नया प्रमुख कारण खोजा है. शोधकर्ताओं ने आनुवंशिक विश्लेषण का उपयोग करते हुए आनुवंशिक कोड (DNA) का एक भाग पाया, जो मैक्रोफेज में सक्रिय है. मैक्रोफेज एक प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिका है, जो IBD वाले लोगों में सूजन का कारण बनती है. शोधकर्ताओं ने यह संभावना जताई कि आनुवंशिक कोड से भविष्य में इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम का उपचार (Inflammatory Bowel Syndrome Treatment) भी किया जा सकता है. जीन बढ़ाता है आंत में सूजन (Gene causes Inflammation) वैज्ञानिकों ने पाया कि DNA का वह भाग मैक्रोफेज के मुख्य नियंत्रकों में से एक है. यह ETS2 नामक जीन को बढ़ाता है, जो मैक्रोफेज द्वारा छोड...

Chaitra Navratri 2025: आध्यात्मिक शांति और समस्त जीवों के कल्याण के लिए देवी के नौ रूपों की पूजा

Chaitra Navratri 2025 : नवरात्र भक्ति और उत्सव के नौ दिनों के उत्सव का प्रतीक है. नवरात्र देवी दुर्गा को समर्पित नौ दिनों का त्योहार है. इस वर्ष यह 30 मार्च, 2025 को शुरू होगा और 7 अप्रैल,2025 को समाप्त हो जाएगा. यह आध्यात्मिक शांति और समस्त जीवों के कल्याण के लिए पूजा-अर्चना करने का सही समय है. नवरात्र देवी दुर्गा को समर्पित नौ दिनों का त्योहार है. चैत्र नवरात्र हिंदू त्योहार है, जो मार्च या अप्रैल के महीने में मनाया जाता है. भारत में ज्यादातर दो नवरात्र त्योहार- चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र मनाया जाता है. चैत्र नवरात्र वसंत ऋतु में आता है. मार्च या अप्रैल के आसपास अनुष्ठान शुरू होता है. विक्रम संवत कैलेंडर के अनुसार यह हिंदू नव वर्ष की शुरुआत है. इस साल चैत्र नवरात्र 30 मार्च, 2025 को शुरू होगा और 7 अप्रैल,2025 को समाप्त हो जाएगा. चैत्र नवरात्र 2025 को हिंदुओं के लिए शुभ अनुष्ठान और देवता से आशीर्वाद लेने का सबसे अच्छा समय (Chaitra Navratri 2025) माना जाता है. कैसे की जाती है पूजा (How to do puja on Navratri) इस अवसर पर भक्तगण 9 दिनों तक उपवास रखते हैं, दुर्गा सप्तशती का ...

International Women’s Day : अध्यात्म का सही अर्थ समझना है, तो करना सीखें स्त्रियों का सम्मान

International Women’s Day : हम युगों-युगों से स्त्रियों के सम्मान के लिए मनुस्मृति के तृतीय अध्याय से ली गई पंक्ति 'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः' सुनते और बोलते आए हैं. इस एक पंक्ति में जीवन का सार छिपा है और अध्यात्म से जुड़ने का सही मार्ग भी. स्त्रियों के प्रति सम्मान प्रकट करने पर ही ईश्वर से साक्षात्कार हो सकता है. जब भी स्त्रियों के प्रति आदर-सम्मान, प्रेम प्रकट करने की बात चलती है, तो हम झट से मनुस्मृति के तृतीय अध्याय की यह पंक्ति बोल और श्रवण करा देते हैं- “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः।।” जहां स्त्रियों की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं. जहां स्त्रियों की पूजा नहीं होती है, वहां समस्त अच्छे से अच्छे कर्म भी निष्फल हो जाते हैं. हम हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं. इस अवसर पर यदि हम अध्यात्म से सही मायने में जुड़ना चाहते हैं, तो सबसे पहले स्त्रियों के प्रति सम्मान (International Women’s Day) प्रकट करना सीखना होगा. सच्ची भक्ति और अध्यात्म का मार्ग (Path of ...