Posts

Showing posts from October, 2020

कँटीले इस्कुस का स्वाद है निराला

   कंटीले इस्कुस का स्वाद है निराला जब बात चली है सब्जी की, तो लगे हाथ इस्कुस के बारे में भी बता ही दूं। एक शाम एक पड़ोसन कागज के ठोंगे में पांच-छह फल जैसा कुछ दिया। मैंने उसे देखकर सोचा-'अच्छा यहां पहाड़ों पर कंटीले अमरूद भी होते हैं, क्योंकि वह अमरूद जैसा ही दिख रहा था। तभी उन्होंने मेरी सोच पर विराम लगाते हुए कहा-ये पहाड़ी सब्जी है-इस्कुस। इसे मसाले के साथ भूनकर पकाया जाता है। मेरे भाई ने बताया कि इसे लौकी-आलू के इस्टू( बिहार) की तरह पकाओगी तो सुस्वादु लगेगा। इस सब्जी का स्वाद वह काठमांडू में ले चुका था। नेपाल के पहाड़ी इलाके में यह सब्जी खूब पसंद की जाती है। यदि आप यू ट्यूब पर सर्च करें, तो नेपाली भाई-बहन अपनी भाषा में इस सब्जी के बनाने की विधि बताते नजर आएंगे।  वास्तव में इस्कुस या cheyote भारत का नहीं, बल्कि Mexico का है। यह न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से होते हुए भारत आया। यह gourd यानी cucurbitaceae फैमिली का है। इसे Buddha hand melon, बंगलोर ब्रिंजल, चाऊ चाऊ भी कहते हैं। यदि इसके छिलके उतार कर कच्चा खाना चाहें, तो स्वाद खीरे की तरह लगेगा। विटामिन सी, एमिनो एसिड, फाइबर ...

चाइनीज मोमोज पर भारी हिमाचल के सिड्डू .

  चाइनीज मोमोज पर भारी हिमाचल के सिड्डू कल हम लोगों ने हिमाचल की एक बेहद जायकेदार Street food  खाई। नाम है उसका सिडडू। स्टीम पर पकने के कारण यह आपको चाइनीज परिवार का सदस्य लग सकता है, लेकिन वास्तव में मोमोज से यह कई गुणा स्वादिष्ट है। इसे बिहार के पिट्ठा या यूपी के फर्रे का समव्यंजन कह सकते हैं। यह शाम के स्नैक्स के रूप में भी यहां लिया जाता है। भले ही इसे कुल्लू का जायकेदार व्यंजन माना जाता है, लेकिन ज्यादातर हिमाचल वासी इसे बड़े चाव से खाते हैं। गेहूं  के आटे में जरूरत के हिसाब से ड्राई यीस्ट डालकर उसे गूंथा जाता है। इस आटे को कई घण्टे तक छोड़ दिया जाता है, जिससे यह  फ्लपी हो जाता है। फिर उसमें पिसी हुई धुली उरद की दाल, पिसी अदरक, छिलके उतार कर पिसे अखरोट व हरी धनिया पत्ती का भरावन डालकर उसे गुझिया का शेप दे दिया जाता है।  फिर इसे स्टीम पर पकाया जाता है। जो सिड्डू हमें खाने को मिला था, उसका आकार बहुत बड़े गुझिया जैसा था। पकने के बाद उसे पीसेज में काटकर बिना छिलके के पानी में भिगोए अखरोट-धनिया पत्ती की चटनी व लहसुन-लाल मिर्च की चटनी के साथ परोसा जाता है। ऊपर से दे...

औषधीय गुणों से भरपूर है लिंगड़ा

  गूगल फोटोज में अभी गुलदस्ते जैसी एक सब्जी की फोटो मिली। याद आया कि जून महीने में एक बच्चा इस सब्जी को टोकरे में सजाकर बेच रहा था। पूछने पर नाम लिंगड़ा बताया। मैं तो यह सब्जी Fiddlehead पहली बार देख रही थी। मुझे तो बड़े बड़े रोएं वाली यह सब्जी खूबसूरत चकती या घिरनी जैसी दिख रही थी। एक दिल अजीज पड़ोसन ने बताया कि पहाड़ की होने के कारण वे इसे बनाना जानती हैं और फिर उन्होंने ही इसे बनाने का बीड़ा उठाया। जो सुंदर होते हैं, उनके थोड़े नाज-नखरे तो होते ही हैं। लिहाजा उसके रोएं की साफ-सफाई, कटाई और फिर उसे बनाने में उन्हें कई घण्टे लग गए। इसका स्वाद रोज-रोज खाई जाने वाली हरी सब्जियों से कुछ अलग तो जरूर था, लेकिन बेहद खास तो नहीं था। कुछ-कुछ बीन्स जैसा लगा। हिमाचल में लिंगरी या लिंगड़ू, उत्तराखंड में लेंगड़ा, कश्मीर में करसोर कही जाने वाली यह बरसाती सब्जी औषधीय गुणों से भरपूर होती है। एंटीओक्सिडेंट और ओमेगा 3 & 6 फैटी एसिड के साथ-साथ इसमें विटामिन, कैल्शियम और आयरन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। इसे बनाने के लिए बहुत तेल-मसाले की भी जरूरत नहीं पड़ती है। आप चाहें, तो इसका अचार डाल सकते हैं। सला...