अमेरिका से आये शिमला में सेब
कल घर पर एक रिसर्च स्टूडेंट आये, जिनसे मीठे चमकदार सेब की कहानी पता चली। शिमला में जो बहुतायात में लाल, रसीले और मीठे सेब के बागान हैं, वे सेब स्थानीय नहीं, बल्कि अमेरिका से लाये गए हैं। अमेरिका से सेब को सत्यानंद स्टोक्स यानी सैमुएल इवान्स स्टोक्स जूनियर ने यहां लाया था। सैमुएल शिमला आये थे कुष्ठरोगियों की सेवा करने, लेकिन उनके पिता को यह सब पसंद नहीं आया। वे उन्हें एक सफल व्यवसायी बनाना चाहते थे। सैमुएल ने अनुभव किया कि शिमला में अमेरिका जितनी ही ठंड पड़ती है, तो फिर क्यों न सेब की खेती यहां की जाए। यह संभवतः 1905-1916 की बात रही होगी। उस समय पेड़ पौधों के कलम को विदेश से भारत लाना जुर्म था। उन्होंने एक पेन के अंदर सेब की कलम को रखा और उसे भारत ले आये। यहां एक पौधे के साथ लगाकर देखा, तो सेब के पौधे की जड़ें जमीन में लग गईं। यह बात सैमुएल ने मां से बताई और शिमला में ही बसने की चाहत जाहिर की। कहानी है कि आगे मां ने अमेरिकी सेब के बीज और शिमला में जमीन खरीदकर सैमुएल को दी।यहां आकर सैमुएल ने अपना नाम बदलकर सत्यानन्द रख लिया और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। जलि...