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Showing posts from June, 2025

एक्ने और पिंपल्स के लिए कच्चा शहद

रॉ हनी में एंटीबैक्टीरियल और सूदिंग गुण होते हैं, जो स्किन इन्फ्लेमेशन दूर करते हैं। मां कहती है कि शहद को यदि नियमित रूप से लगाया जाए, तो यह एक्ने और पिंपल्स को ठीक कर सकता है। स्किन की कई सारी समस्याएं हैं, लेकिन मुहांसों से सबसे ज़्यादा परेशानी होती है। यह बिना बताए आता है और त्वचा पर दाग-धब्बे छोड़ जाता है। मुहांसों से तुरंत छुटकारा पाने की कोशिश में हम कई तरह के घरेलू नुस्खे आज़माते हैं। इन्हें हम नियमित तौर पर इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। इन्हें लगाना आसान नहीं होता है, क्योंकि कई सारे स्टेप्स फॉलो करने पड़ते हैं। मां कहती है कि शहद मुंहासों को ठीक कर देता है। इसे स्किन पर अप्लाई करना भी आसान है। जानते हैं क्या शहद वास्तव में काम (Raw Honey for Pimples) करता है? इसे किस तरह लगाया जाए? कैसे शहद मुहांसों को खत्म करता है(Raw Honey for Pimples)? न्यूट्रिएंट जर्नल के अनुसार, शहद में फैटी एसिड, विटामिन बी, पेप्टाइड्स, अमीनो एसिड, एंटीऑक्सीडेंट आदि जैसे पोषक तत्व होते हैं ये मुंहासों पर सूदिंग इफेक्ट डालते हैं। शहद इंफ्लेमेटरी और रेडिश स्किन वाले मुहांसों पर सबसे अच्छी तरह काम क...

इन 5 तरह की पत्तियों से किया जा सकता है एक्ने का घरेलू उपचार

धूप, धूल और पसीना के कारण स्किन पोर्स बंद हो जाते हैं और एक्ने हो जाता है। मां बताती है कि प्रकृति में मौजूद 5 अलग-अलग तरह की पत्तियों को स्किन पर अप्लाई करने से एक्ने या मुंहासों से छुटकारा पाया जा सकता है। जानते हैं कौन हैं वे 5 पत्तियां। गर्मी के दिन अब शुरू होने वाले हैं। धूप, पसीना, धूल कण-ये सभी स्किन को गंदा कर सकते हैं। स्किन पोर्स को बंद कर सकते हैं। इससे स्किन टैन होने की समस्या के साथ-साथ एक्ने की भी वजह बन सकते हैं। यदि स्किन प्रोडक्ट पर विश्वास नहीं हैं, तो प्राकृतिक उपचार आजमा सकती हैं। घरेलू उपाय के तौर पर इन्हें स्किन पर एप्लाई किया जा सकता है। मां कहती है कि प्रकृति में मौजूद 5 अलग-अलग तरह की पत्तियों को स्किन पर अप्लाई कर एक्ने या मुंहासों से छुटकारा (-5 leaves for acne treatment) पाया जा सकता है। क्यों होते हैं एक्ने (acne) जर्नल ऑफ़ स्किन केयर के अनुसार, स्किन पोर गंदगी और डेड स्किन सेल से बंद हो जाते हैं। इससे स्किन की सतह पर एक्ने होने लगते हैं। एक्ने का रूप अलग-अलग हो सकता है। यह व्यक्ति-दर-व्यक्ति भी अलग-अलग होता है। इसके कारण व्हाइटहेड्स, ब्लैकह...

तेजी से वजन घटाना चाहती हैं, तो पियें दिन में दो बार आंवला चाय

एक्सरसाइज के साथ-साथ हेल्दी ड्रिंक या फ़ूड भी वजन घटाने में मदद करते हैं। हेल्दी ड्रिंक यदि टेस्टी टी हो तो वजन घटाना मजेदार भी हो जाता है। आंवला से तैयार चाय प्राकृतिक रूप से वजन कम करने में आपकी मदद कर सकती है। आंवला स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। आंवले का मुरब्बा तो आपने सर्दियों में खूब खाया होगा। अब तो गर्मी में शरीर को ठंडा रखने के लिए आंवले के जूस का भी प्रयोग करने लगी होंगी। यह तीखा-कड़वा फल पोषक तत्वों से भरपूर है। यह औषधीय गुणों वाला है। इसलिए इसका उपयोग कई आयुर्वेदिक दवाओं और उपचारों में किया जाता है। क्या आप जानती हैं कि आंवले से आप चाय भी तैयार कर सकती हैं। यह नेचुरल टी वेट लॉस में भी आपकी मदद कर सकता है। इस चाय को तैयार करने की विधि (amla tea for weight loss) जानने से पहले आंवला किन विटामिन और मिनरल से भरपूर है, जान लेते हैं। विटामिन और मिनरल से भरपूर (Amla nutrients) आधा कप आंवला में 33 कैलोरी, 1 ग्राम से कम प्रोटीन, 1 ग्राम से कम फैट, 8 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 3 ग्राम फाइबर, 0 ग्राम चीनी होती है। आंवला में विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन सी, विटामिन ई, क...

Agra Kailash Temple : स्वयं परशुराम और उनके पिता ऋषि जमदग्नि ने यहां स्थापित किया दो शिवलिंग

Agra Kailash Temple : आगरा स्थित दो शिवलिंग वाला कैलाश मंदिर इन दिनों चर्चा में है. मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए हाल में कॉरिडोर परियोजना के दूसरे चरण की शुरुआत कर दी गई है। मान्यता है कि यह मंदिर हजारों साल पुराना है. यहां दो शिवलिंग हैं-, एक दृश्यमान और दूसरा अदृश्य. आगरा स्थित कैलाश मंदिर में इन दिनों जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है. हाल में कॉरिडोर परियोजना के दूसरे चरण की शुरुआत कर दी गई है। इसलिए यह मंदिर एक बार फिर चर्चा में है. मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए ₹40 करोड़ आवंटित किया गया है. साथ ही, एक महत्वपूर्ण जीर्णोद्धार परियोजना भी चल रही है. मान्यता है कि मंदिर में दो शिवलिंग हैं, एक दृश्यमान और दूसरा छिपा हुआ. कथा है कि इस हजारों साल पुराने मंदिर (Agra Kailash Temple) से महर्षि परशुराम और उनके पिता ऋषि जमदग्नि का संबंध है. हजारों साल पुराना मंदिर (Agra Kailash Mandir History) आगरा का कैलाश मंदिर सिकंदरा के पास यमुना नदी के तट पर स्थित है. यह मथुरा-आगरा मार्ग पर है. इसे आगरा के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है. यह अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता...

Amarnath Yatra 2025 : अमरनाथ यात्रा 2025 की औपचारिक शुरुआत, बर्फ के रूप में मौजूद शिवलिंग ज्योतिर्लिंग में शामिल हैं या नहीं

Amarnath Yatra 2025 : तवी नदी तट पर पूजा के साथ ही अमरनाथ यात्रा 2025 की औपचारिक शुरुआत हो गई. आइये जानते हैं कि बर्फ के रूप में मौजूद शिवलिंग ज्योतिर्लिंग में शामिल हैं या नहीं ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर जम्मू में तवी नदी के तट पर पहली पूजा के साथ ही अमरनाथ यात्रा 2025 की औपचारिक शुरुआत हो गई. यह पूजा विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने की. भगवान शिव को समर्पित हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है अमरनाथ गुफा मंदिर. यहां बाबा बर्फानी के रूप में भगवान महादेव विराजते हैं. यहां बर्फ के शिवलिंग ज्योतिर्लिंग नहीं कहलाते हैं. इसके पीछे आध्यात्मिक और धार्मिक कारण हैं. अमरनाथ यात्रा की ज्येष्ठ यात्रा जम्मू में तवी नदी के तट पर श्रद्धालुओं के साथ-साथ विहिप के कार्यकर्ताओं ने भी ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा की. ईश्वर का आशीर्वाद पाने के लिए मंत्रोच्चार और प्रसाद भी अर्पित किए गए और अमरनाथ यात्रा की नींव रखी गई. अमरनाथ यात्रा से पहले पहली पूजा करने की यह परंपरा गहरी आध्यात्मिक संस्कृति और हर साल तीर्थयात्रा में भाग लेने वाले लाखों लोगों की आस्था को दर्शाती है. अमरनाथ में शिवलिंग बाबा बर्फा...

AI Role in Healthcare: हेल्थकेयर में AI का काम डॉक्टर और मरीज दोनों के लिए महत्वपूर्ण

AI Role in Healthcare : हेल्थकेयर और मेडिकल प्रोडक्ट डिजाइन में AI की भूमिका महत्वपूर्ण है. सही उपयोग करने पर डॉक्टर और मरीज दोनों के लिए यह मददगार साबित होगा. स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा उत्पाद डिजाइन में AI का भविष्य हेल्थकेयर में AI का तात्पर्य मेडिकल डेटा का विश्लेषण करने और भविष्य की बातें बताने के लिए मशीन लर्निंग एल्गोरिदम और अन्य संज्ञानात्मक तकनीकों के उपयोग से है. यह अंत में रोगी की देखभाल और स्वास्थ्य सेवा संचालन में सुधार करता है. यह एक तेज़ी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है, जिसमें निदान और उपचार से लेकर दवा की खोज और रोगी निगरानी तक विभिन्न क्षेत्रों में चिकित्सा में क्रांति लाने की क्षमता है. स्वास्थ्य सेवा में AI की भूमिका (AI's role in healthcare) स्वास्थ्य सेवा में AI की भूमिका पर इन दिनों बहुत चर्चा हो रही है. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के अनुसार, यह कई क्षेत्रों में उपयोगी साबित हो सकता है. 1. निदान और उपचार (Diagnosis and Treatment) बेहतर और सटीक परिणाम (Improved Accuracy) ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के अनुसार, AI एल्गोरिदम चिकित्सा छवियों (CT स्कैन, MRI आदि) का मनु...

Healthy Food for Heart : खाएं हेल्दी फ़ूड नहीं होगी दिल की बीमारी, शोध

अमेरिका के हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं के अनुसार, हेल्दी फ़ूड कोलेस्ट्रॉल लेवल और वजन घटाकर हृदय रोग के जोखिम को कम करता है. यह ह्रदय रोग के विकसित होने के जोखिम को लगभग 15% कम करता है. कई दशकों तक लगभग 2 लाख लोगों के ह्रदय स्वास्थ्य पर भोजन के प्रभाव का अध्ययन किया गया. इसमें पाया गया है कि जब हृदय स्वास्थ्य की बात आती है, तो खाए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता उतनी ही मायने रखती है जितनी कम कार्बोहाइड्रेट या कम वसा वाले आहार का पालन करना. परिणाम बताते हैं कि हेल्दी, हाई क्वालिटी वाले खाद्य पदार्थों का चयन हार्ट हेल्थ के लिए जरूरी है. कम कार्बोहाइड्रेट और कम वसा वाले आहार घटाते हैं वजन और कोलेस्ट्रॉल पिछले दो दशकों में कम कार्बोहाइड्रेट और कम वसा वाले आहार को स्वास्थ्य के लिए बढ़िया माना जाता है. अमेरिका के हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं के अनुसार, हेल्दी फ़ूड से वजन प्रबंधन और ब्लड शुगर लेवल और कोलेस्ट्रॉल लेवल सही होता है. इसके कारण ह्रदय भी स्वस्थ रहता है. हृदय रोग के जोखिम को कम करने पर इन आहारों पर आज भी शोध हो रहे हैं. कम का...

Shravan Month 2025: जानें शुरुआत तिथि, धार्मिक महत्व और व्रत त्योहारों की पूरी सूची

Shravan Month 2025 : वैदिक कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा के बाद आने वाला श्रावण मास 11 जुलाई, 2025 को शुरू होकर 9 अगस्त, 2025 को समाप्त हो जाएगा. भोले शंकर का माह कहलाने वाले श्रावण या सावन माह का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व बहुत अधिक है. श्रावण मास को सावन माह के नाम से भी जाना जाता है. यह भोले शिव शंकर का माह माना जाता है. मान्यता है कि श्रीविष्णु जी के शयन करने (चातुर्मास) के कारण शिवजी ही सृष्टि का संचालन करते हैं. यह महीना धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, खासकर भगवान शिव के भक्तों के लिए, जिसमें सावन सोमवार व्रत सहित कई व्रत और त्योहार (Shravan Month 2025) मनाए जाते हैं. कब से कब तक है श्रावण मास (Shravan Month Date & Time 2025) द्रिक पंचांग में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, श्रावण मास 11 जुलाई 2025, शुक्रवार को रात 11:07 बजे से शुरू होकर 9 अगस्त 2025, शनिवार को दोपहर 2:08 बजे समाप्त हो जाएगा. आषाढ़ पूर्णिमा 10 जुलाई को दोपहर 1:36 बजे से 11 जुलाई को दोपहर 2:06 बजे तक रहेगा. श्रावण का पहला दिन, जिसे प्रतिपदा के रूप में जाना जाता है. यह 11 जुलाई को होगा. श्रावण माह का ध...

Guru Purnima 2025: जानें गुरु पूर्णिमा का इतिहास और बौद्ध-जैन धर्म में इसकी महत्ता

Guru Purnima 2025: हमारे जीवन में 'गुरुओं' या शिक्षकों का सम्मान करने का दिन है गुरु पूर्णिमा. हिंदू कैलेंडर में यह 'आषाढ़' महीने की पूर्णिमा के दिन पड़ता है. इस वर्ष गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई 2025, गुरुवार को मनाई जाएगी. हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा को हम 'व्यास पूजा' के रूप में भी मनाते हैं. गुरु की वंदना करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए इस दिन मंत्रों का जाप किया जाता है. पूरे दिन भक्ति गीत और भजन गाए जाते हैं. गुरु की याद में पवित्र ग्रंथ गुरु गीता का भी पाठ किया जाता है. फूल और उपहार चढ़ाए जाते हैं. ऋषि वेद व्यास की भी पूजा-अर्चना की जाती है. गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2025) के अवसर पर भक्तों के बीच 'प्रसाद' और 'चरणामृत' भी बांटा जाता है. गुरु पूर्णिमा का इतिहास (History of Guru Purnima) गुरु पूर्णिमा की पौराणिक कथा ऋषि वेद व्यास के जन्म से जुड़ी है. ऋषि वेद व्यास को महाभारत और पुराणों का लेखक कहा जाता है. मान्यता है कि उन्होंने वेदों को चार भागों में विभाजित और संपादित किया था. गुरु पूर्णिमा का दिन वेद व्यास का आशीर्वाद लेने के ल...

The International Day of Yoga 2025: मेंटल हेल्थ को मजबूत बनाता है योग

21 जून को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (The International Day of Yoga) मनाया जा रहा है. इस वर्ष की थीम है- 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’. योग मेंटल हेल्थ को भी मजबूत बनाता है. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (The International Day of Yoga) योग के सम्मान में मनाया जाने वाला दिन है. इसे 2014 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए जाने के बाद से हर साल 21 जून को दुनिया भर में मनाया जाता है. माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों के कारण, 21 जून को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया गया. अपने प्रस्ताव में UNGA ने समर्थन किया कि "योग जीवन के सभी पहलुओं के बीच संतुलन बनाने के अलावा स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है. योग मेंटल हेल्थ को भी मजबूत बनाता है. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम (international yoga day 2025 theme) इस वर्ष की शुरुआत में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग (Yoga for One Earth, One. Health) ' थीम के तहत इसे मनाया जा रहा ह...

Jyeshtha Month 2025 : 10 जून को अंतिम बड़ा मंगल है विशेष पुण्यदायक

Jyeshtha Month 2025 : इस साल ज्येष्ठ का पवित्र महीना मंगलवार, 13 मई को शुरू हुआ, जो 11 जून 2025 तक चलेगा. माह मंगलवार से शुरू होने के कारण इसका हर मंगलवार बड़ा मंगल कहलाता है. मंगलवार को भक्तों की हर कठिन परिस्थिति में मदद करने वाले भगवान हनुमान की पूजा होती है. ज्येष्ठ माह का अंतिम बड़ा मंगल 10 जून को है. इस दिन को विशेष पुण्य देने वाला माना जा रहा है. ज्येष्ठ का महीना सनातन धर्म में गहन आध्यात्मिक महत्व वाला है. इस महीने में गर्मी चरम पर होती है. यही वह समय है जब भारत भर में भक्त शक्ति और आशीर्वाद लेने के लिए भगवान हनुमान की विशेष पूजा करते हैं. खासकर मंगलवार को. ज्येष्ठ महीने की शुरुआत मंगलवार को होने के कारण माह का हर मंगल बड़ा मंगल कहलाता है. मान्यता है कि प्रत्येक बड़ा मंगल को हनुमान जी की पूजा करने पर उनका दिव्य आशीर्वाद (Jyeshtha Month 2025 ) मिलता है. 10 जून को अंतिम बड़ा मंगल (Last Bada Mangal) बड़ा मंगल को बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है. ज्येष्ठ महीने में पांच मंगलवार है, जो बड़ा मंगल है. ये तिथियां हैं-13 मई, 20 मई, 27 मई, 3 जून और 10 जून. 10 जून को अंतिम बड़...

Kabir Jayanti 2025 : ज्येष्ठ पूर्णिमा को हुए समाज सुधारक औत महान कवि कबीरदास

कबीर जयंती को कबीर प्रकट दिवस के रूप में भी जाना जाता है. कबीरदास भारत के लोकप्रिय कवि थे. यह दिन संत कबीर के प्रकट होने के उपलक्ष्य में मनाय जाता है. यह हिंदू महीने ज्येष्ठ की पूर्णिमा दिन मनाया जाता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह मई या जून का महीना होता है. संत कबीर दास प्रसिद्ध कवि, संत और समाज सुधारक थे और वे 15 वीं शताब्दी में रहते थे. पारंपरिक हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा के दिन उनका जन्म हुआ. यह दिन न केवल भारत में बल्कि अन्य देशों में भी सभी वर्गों के लोगों द्वारा मनाया जाता है. कबीर दास की महान कविता और रचना 'परमात्मा' की सुसंगतता और विशालता को दर्शाती है. देश भर में कबीरदास के अनुयायी पूरा दिन उनकी स्मृति में बिताते हैं. इस महान कवि की जन्मस्थली वाराणसी शहर में इस दिन को भव्य रूप से मनाया जाता है. कबीरचौरा मठ में उनके भक्तों के लिए आध्यात्मिक चर्चाओं का आयोजन किया जाता है. गुरु कबीर दास जयंती का महत्व संत कबीर दास का जन्म उत्तर प्रदेश में मुस्लिम माता-पिता के यहां हुआ था. उन्होंने कम उम्र में ही अध्यात्म में रुचि दिखाई और खुद को ...

Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2025: श्रीगणेश सभी भक्तों को करते हैं स्वास्थ्य समस्याओं को दूर

Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2025: पौराणिक कथा के अनुसार, कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान शिव ने भगवान गणेश को सर्वोच्च देवता घोषित किया था. कई भक्त सभी स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी के दिन उपवास रखते हैं. इस साल यह 14 जून को है. कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित त्योहार है. यह आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष के चौथे दिन मनाया जाता है. इस साल यह शनिवार, 14 जून 2025 को पड़ रहा है. इस अवसर पर भक्तगण उपवास रखते हैं और भगवान गणेश की पूजा करते हैं. बाधाओं से मुक्त और समृद्धि से भरे जीवन के लिए भक्त भगवान का आशीर्वाद मांगते हैं. कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी तिथि और समय (Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2025 Date & Time) कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी शनिवार, 14 जून 2025 को है संकष्टी के दिन चंद्रोदय - रात्रि 10:07 बजे चतुर्थी तिथि आरंभ - 14 जून 2025 को दोपहर 03:46 बजे चतुर्थी तिथि समाप्त - 15 जून 2025 को अपराह्न 03:51 बजे • अनुष्ठान: भक्त व्रत रखते हैं, भगवान गणेश से प्रार्थना करते हैं, और उन्हें मोदक और लड्ड...

Alzheimer's & Brain Awareness Month June : अल्जाइमर और मस्तिष्क जागरूकता महीना है जून

Alzheimer's & Brain Awareness Month June : अनुमान है कि 2030 तक भारत में डिमेंशिया से पीड़ित 82 लाख लोग होंगे. साथ ही, भारत में अल्जाइमर से संबंधित मौतों में लगभग 5 गुना वृद्धि हुई है. इसलिए जून को अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसे मस्तिष्क रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने का महीना माना गया है. जीवनशैली और खान-पान में कमी की वजह से इन दिनों शारीरिक समस्या के साथ-साथ मानसिक बीमारियां भी खूब हो रही हैं. अल्जाइमर और डिमेंशिया उनमें से एक हैं. इसलिए वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइज़ेशन ने जून को अल्जाइमर और मस्तिष्क जागरूकता महीना घोषित किया हुआ है. अपने मस्तिष्क स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना (Alzheimer's & Brain Awareness Month June) और रोगों से बचाव करना हमारी जिम्मेदारी है. क्या है वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइज़ेशन का आंकड़ा (Data on Alzheimer and Dementia in India) दुनिया भर में 5 करोड़ 50 लाख से अधिक लोग अल्जाइमर या प्रकार के रोग डिमेंशिया के साथ जी रहे हैं. 2019 में भारत में अल्जाइमर रोग (AD) और अन्य डिमेंशिया के लगभग 36 लाख सक्रिय मामले होने का अनुमान था. अल्जाइमर और अन्य डिमेंश...

Ashadha Gupta Navratri 2025 : तांत्रिक अनुष्ठान से मिलती है हर प्रकार की कठिनाइयों से मुक्ति

Ashadha Gupta Navratri 2025 : आषाढ़ गुप्त नवरात्र 26 जून 2025, गुरुवार से शुरू होकर 4 जुलाई 2025, शुक्रवार को समाप्त हो जाएगा. इस नवरात्र को गायत्री नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि आषाढ़ गुप्त नवरात्र पूजन तांत्रिक अनुष्ठान के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे भक्त को सभी प्रकार की कठिनाइयों से मुक्ति मिल जाती है. आषाढ़ गुप्त नवरात्र गायत्री नवरात्र भी कहलाता है. यह 10 महाविद्याओं (प्रमुख देवियों) की पूजा के लिए समर्पित है. माना जाता है कि 10 महाविद्या उन लोगों को दुर्लभ आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती हैं जो इन नौ पवित्र दिनों के दौरान गहन ध्यान और तपस्या करते हैं. भक्तगण अपनी सभी परेशानियों से मुक्ति (Ashadha Gupta Navratri 2025) पा लेते हैं. कब है आषाढ़ गुप्त नवरात्र 2025 (GuptA Navratri 2025 Date & Time) आषाढ़ गुप्त नवरात्र 26 जून 2025, गुरुवार से शुरू होकर 4 जुलाई 2025, शुक्रवार को समाप्त हो जाएगा. क्या है घटस्थापना का मुहूर्त (Gupta Navratri 2025 Muhurta) द्रिक पंचांग में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, घटस्थापना (कलश स्थापना) के लिए शुभ समय 26 जून को सुबह 5:25 बज...

Chaturmas 2025: चार महीने का आध्यात्मिक तप, व्रत और नियमों की पूरी जानकारी

चार महीने की अवधि है चातुर्मास, जो देवशयनी एकादशी से शुरू होकर देवोत्थान एकादशी पर समाप्त होती है. यह भक्ति, तपस्या और आध्यात्मिक अभ्यास के लिए पवित्र समय माना जाता है. चातुर्मास 2025 की अवधि 6 जुलाई से 1 नवंबर 2025 तक होगी. चातुर्मास्य हिंदू चंद्र माह आषाढ़ या देवशयनी एकादशी के ग्यारहवें दिन से शुरू होता है. यह उस दिन के रूप में मनाया जाता है जब देवता विष्णु अपने शेषनाग पर चार महीने की अवधि के लिए योग निद्रा में लीन हो जाते हैं और प्रबोधिनी एकादशी को जागते हैं. चातुर्मास (Chaturmas 2025) का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है. क्या है चातुर्मास (What is Chaturmas) चातुर्मास्य एक संस्कृत शब्द है, जिसे चातुर्मास भी कहा जाता है. यह चार महीनों की एक पवित्र अवधि है, जो हिंदू धर्म में शयनी एकादशी (जून-जुलाई) से शुरू होकर प्रबोधिनी एकादशी (अक्टूबर-नवंबर) पर समाप्त होती है. यह अवधि मानसून मौसम के साथ भी मेल खाती है. चातुर्मास्य विशेष रूप से तपस्या, उपवास, पवित्र नदियों में स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए महत्वपूर्ण है. भक्त किसी न किसी प्रकार का व्रत रखने का संकल्प लेते...

Measles outbreak in India: अमेरिका में बढ़ रहे हैं खसरा के मामले, भारत में क्या है स्थिति

अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन यूनिवर्सिटी के हाल के अध्ययन के अनुसार, कोविड वैक्सीन नहीं लेने के कारण अमेरिका के कई शहरों में मीजल्स से प्रभावितों की संख्या बढ़ रही है. इस पर भारत में क्या है स्थिति? अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन यूनिवर्सिटी के हाल के अध्ययन से पता चलता है कि कोविड-19 के बाद कई अमेरिकी शहरों में बच्चों में खसरा यानी मीजल्स के टीकाकरण की दरों में चिंताजनक गिरावट आई है. इससे टेक्सास, कंसास, कोलोराडो और नॉर्थ डकोटा जैसे राज्यों में इसका प्रकोप बढ़ गया है. भारत में अभी तक खसरे के मामलों में वृद्धि नहीं देखी जा रही है. हालांकि पिछले साल यहां बच्चे बड़ी संख्या में मीजल्स यानी खसरा से प्रभावित हुए थे. अमेरिका में बढ़ रहे हैं खसरा के मामले (Measles in America) जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन यूनिवर्सिटी के अनुसार, अमेरिका का टेक्सास वर्तमान में सबसे अधिक मीजल्स प्रभावित राज्यों में से एक है. यहां जनवरी से अब तक 742 मामले सामने आ चुके हैं. 2025 में पूरे अमेरिका में खसरे के मामले बढ़ रहे हैं. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के एक नए अध्ययन में इसका स्पष्ट कारण बताया है: कोविड-...

How to use Nebulizer: अस्थमा के दौरे से बचने के लिए सही तरीके से कैसे करें नेबुलाइजर का इस्तेमाल

How to use Nebulizer: अस्थमा के दौरे से बचने के लिए नेबुलाइजर का उपयोग किया जाता है. नेबुलाइजर का उपयोग सही तरीके से नहीं करने पर मरीज की परेशानी बढ़ जाती है. इस आलेख में एक्सपर्ट के जरिये जानते हैं नेबुलाइजर के इस्तेमाल का सही तरीका. अस्थमा रोग के प्रति जागरूक करने के लिए 5 मई को वर्ल्ड अस्थमा दिवस मनाया जा रहा है. अस्थमा का दौरा पड़ने पर सबसे अधिक नेबुलाइजर का उपयोग होता है. डॉक्टर बताते हैं कि नेबुलाइजर का उपयोग सही तरीके से नहीं करने पर मरीज की परेशानी बढ़ जाती है. आइये एक्सपर्ट से जानते हैं कि नेबुलाइजर का उपयोग (How to use Nebulizer) कैसे किया जाता है. नेबुलाइजर का उपयोग कैसे करें (How to use Nebulizer) आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल (नई दिल्ली) के रेस्पिरेटरी और स्लीप मेडिसिन विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अक्षय बुधराजा बताते हैं, ‘नेबुलाइजर एक छोटी मशीन है, जो तरल दवा को धुंध (Mist) में बदल देती है, जिसे आसानी से अंदर लिया जा सकता है. मशीन के जुड़े हुए माउथपीस या फेसमास्क के माध्यम से दवा को सांस के साथ अंदर लिया जाता है. इससे दवा सीधे फेफड़ों में प्रवेश कर ज...

Lord Kartikey : शक्ति, साहस और वीरता प्राप्त करने के लिए कार्तिकेय की पूजा

Lord Kartikey : दक्षिण भारत में विशिष्ट रूप से पूजे जाने वाले भगवान कार्तिकेय दस सर्वश्रेष्ठ हिंदू देवताओं में से एक माने जाते हैं. देवताओं के सेनापति माने जाने वाले कार्तिकेय की पूजा शक्ति, साहस और वीरता प्राप्त करने के लिए की जाती है. भगवान कार्तिकेय देवताओं के सेनापति माने जाते हैं. देवताओं ने ज्यादातर युद्ध कार्तिकेय के नेतृत्व में जीता है. दक्षिण भारत में कार्तिकेय की विशेष पूजा की जाती है. कार्तिकेय भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र है. भगवान कार्तिकेय के भक्त उन्हें स्कंद कुमार, षडानन, पार्वतीनंदन, शिवसुत और गौरी पुत्र जैसे नामों से भी पुकारते हैं. भगवान कार्तिकेय की पूजा शक्ति, साहस और वीरता प्राप्त करने के लिए की जाती है. उनकी कृपा से नेतृत्व क्षमता, सैन्य साहस और दिशा-निर्देशन की शक्ति प्राप्त होती है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार बचपन में भगवान कार्तिकेय का पालन-पोषण सप्तऋषियों की पत्नियों ने किया था. उन्हें कृत्तिका के नाम से जाना जाता है. कृत्तिका द्वारा पालन-पोषण किए जाने के कारण वे कार्तिकेय के नाम से प्रसिद्ध हुए. भगवान कार्तिकेय की उत्पत्ति स्कंद पुराण के अनु...

Buddha Purnima 2025: आध्यात्मिक चिंतन का दिन है बुद्ध पूर्णिमा

Buddha Purnima 2025: मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था. इस वर्ष यह तिथि 12 मई, बुधवार है. यह दिन आध्यात्मिक चिंतन और उत्सव का समय है. माना जाता है कि राजकुमार सिद्धार्थ गौतम का जन्म वैशाख पूर्णिमा को हुआ था. इसी दिन बुद्ध जयंती मनाई जाती है. 2025 में बुद्ध जयंती 12 मई को है. ज्ञान प्राप्त कर सिद्धार्थ गौतम गौतम बुद्ध बन गए और बौद्ध धर्म की स्थापना की. बुद्ध पूर्णिमा को वेसाक जयंती या बुद्ध जयंती (Buddha Purnima 2025) के रूप में भी जाना जाता है. बुद्ध जयंती या बुद्ध दिवस बौद्ध त्योहार है, जो दक्षिण, दक्षिण-पूर्व और पूर्वी एशिया के अधिकांश हिस्सों में मनाया जाता है. आध्यात्मिक चिंतन और उत्सव का समय (Spiritual Thinking) मान्यता है कि गौतम बुद्ध के जीवन की तीन महत्वपूर्ण घटना- जन्म, ज्ञान प्राप्त करना और मृत्यु भी इसी दिन घटित हुआ था. इसलिए इस दिन को दुनिया भर के बौद्धों द्वारा "तीन बार धन्य उत्सव" माना जाता है. यह दिन आध्यात्मिक चिंतन और उत्सव का समय है, जिनमें प्रार्थना सभा, मंदिर के दर्शन और सेवा कार्य किए जाते हैं. जागृत व्यक्ति ...

Mother’s Day: मां को बीमारी से दूर रखने के लिए ये 5 उपाय किए जा सकते हैं

Mother’s Day: मां को स्वस्थ रखने के लिए उनसे संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन को प्राथमिकता देने को कहें. उनसे स्वस्थ आदतों का अनुसरण करने कहें, जिसमें हाइड्रेटेड रहना, अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करना और ऐसी गतिविधियों में शामिल होना, जो खुशी लाती हैं और तनाव कम करती हैं. मां परिवार की धुरी होती है. वह अपने सभी कर्तव्यों का निर्वहन कर पूरे परिवार को सुरक्षित, स्वस्थ और रिश्ते की डोर में बांधे रखती है. इसलिए उसे अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और उसे स्वस्थ रखना, हमारी जिम्मेदारी है. मां को स्वस्थ रखने और उसके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए हर वर्ष दुनिया भर में मदर्स डे मनाया जाता है. मदर्स डे का इतिहास (Mother’s Day History ) अमेरिका में मदर्स डे की शुरुआत करने वाली अमेरिकी नागरिक थीं एना जार्विस. एना जार्विस ने 1908 में अपनी मां एन की याद में मदर्स डे की शुरुआत की. एना जार्विस की मां एक सामाजिक कार्यकर्ता और स्त्री अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली महिला थीं. मदर्स डे परिवार और समाज में मां के कार्यों के साथ-साथ मातृत्व, मदर बोन्डिंग और समाज में...

Lord Shree Krishna: कर्मयोगी श्री कृष्ण ने फल की चिंता किए बिना कर्म करने का दिया संदेश

Lord Shree Krishna : मान्यता है कि चार चक्रीय युगों में से द्वापर युग के दौरान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. वर्तमान युग जिसे कलियुग के रूप में जाना जाता है, भगवान कृष्ण की मृत्यु के बाद शुरू हुआ. कर्मयोगी श्री कृष्ण ने अपने भक्तों को फल की चिंता किए बिना कर्म करने का संदेश दिया. भगवान कृष्ण सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक माने जाते हैं. उन्हें भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है. कुछ स्थान पर भगवान श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है. श्रीकृष्ण का जन्म पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, चार चक्रीय युगों में से द्वापर युग के दौरान हुआ था. धर्म शास्त्रों के विवरण और ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर श्रीकृष्ण का जन्म 3228 ईसा पूर्व है. श्रीकृष्ण की मृत्यु यानी उनके अपने शाश्वत निवास वैकुंठ में लौटना 3102 ईसा पूर्व माना जाता है. वर्तमान युग जिसे कलियुग के रूप में जाना जाता है, भगवान कृष्ण (Lord Shree Krishna) की मृत्यु के बाद शुरू हुआ. भगवान श्रीकृष्ण की उत्पत्ति (Shree Krishna Origin) भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा नगर में राजकुमारी देवकी और उनके पति वासुदेव के आठवें पुत्र के...

Sri Sri Ravi Shankar: गलतियों से सीखकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें विद्यार्थी

10 वीं और 12 वीं के परीक्षा परिणाम आने पर संभवतः कुछ छात्र बेहद खुश होंगे, तो कुछ निराश भी. आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर (Sri Sri Ravi Shankar) के अनुसार, ने बताया है कि असफलता पाने पर दुख के सागर में गोते लगाने की बजाय गलतियों से सीखकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए. 10 वीं और 12 वीं के परीक्षा परिणाम आने वाले होंगे या आ चुके होंगे. कुछ छात्रों को अपने मन-मुताबिक़ परिणाम मिलेंगे, तो कुछ छात्र परिणाम देखकर असंतुष्ट होंगे. उन्हें यह लग सकता है कि यदि उन्होंने थोड़ी और अधिक मेहनत की होती, तो शायद परिणाम भी और अच्छे आते! आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने बताया है कि विद्यार्थी में तीन गुण जरूर होना चाहिए -स्वयं पर पूर्ण विश्वास, स्थिरता और दृढ़-संकल्प. कुछ विद्यार्थियों में इच्छा तो होती है, लेकिन उनमें वह दृढ़-संकल्प नहीं होता है कि वे अपनी इच्छा पूरी कर सकें. यदि किसी का व्यक्तित्व अस्थिर और दृढ़-संकल्पित नहीं है तो वे निश्चित ही जीवन के उतार-ंचढ़ाव में स्वयं को शिकार और पीड़ित के रूप में देख (Sri Sri Ravi Shankar) सकते हैं. समता के लिए स्थिरता जरूरी श्री श्री रविशंकर (Sr...

विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस पर जानें सचिन तेंदुलकर की दो प्रेरणादायी किताबों के बारे में

23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस है और 24 अप्रैल को क्रिकेट के गॉड कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का जन्मदिन. इस ख़ास अवसर पर जानते हैं युवाओं और किशोरों के लिए प्रेरणादायी सचिन की किताबों के बारे में. 23 April--world book and copyright day 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस है. पढ़ने, पुस्तकों के महत्व और कॉपीराइट सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह दिन दुनिया भर में मनाया जाता है. पढ़ने के प्रति रुचि को विकसित करने और अतीत तथा भविष्य को जोड़ने में पुस्तकों की भूमिका को मान्यता देने के लिए यूनेस्को ने इस दिवस को मनाना शुरू किया था. इसके अगले दिन, यानी 24 अप्रैल को क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का भी जन्मदिन है. यूं तो सचिन क्रिकेट के बेताज बादशाह माने जाते हैं. पर क्या आप जानते हैं कि सचिन ने 2 किताबें भी लिखी हैं, जो किसी भी टीन एजर के लिए प्रेरणादायी साबित हो सकती हैं. सचिन ने अपनी किताबों में स्पष्ट लिखा है कि चाहे आप खेल के मैदान में आगे बढ़ना चाहते हैं या पढ़ाई के क्षेत्र में, आपको सफलता पाने के लिए जी-तोड़ मेहनत करनी पड़ेगी. जानते हैं...

पॉप सिंगर केटी पेरी की तरह अंतरिक्ष की सैर करना चाहते हैं, तो जेब में होना चाहिए करोड़ों रुपये

अमेरिकी पॉप सिंगर केटी पेरी और अन्य पांच महिलाओं ने हाल में लगभग 11 मिनट की अंतरिक्ष यात्रा कर इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया. इन छह महिलाओं सहित अब तक 58 व्यक्ति अपना करोड़ों रूपये खर्च कर अंतरिक्ष पर्यटन का लुत्फ़ उठा चुके हैं. जानते हैं अंतरिक्ष की सैर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य... अमेरिकी पॉप सिंगर केटी पेरी ने हाल में इतिहास रच दिया. वे अमेरिका के वेस्ट टेक्सास से अंतरिक्ष जाने वाली छह महिलाओं की टीम (ऑल फीमेल क्रू) का हिस्सा बनीं. वे अमेज़न के मालिक अरबपति जेफ बेजोस के स्वामित्व वाली कंपनी ब्लू ओरिजिन द्वारा निर्मित न्यू शेपर्ड अंतरिक्ष यान पर सवार होकर अंतरिक्ष की यात्रा की. इस रॉकेट पर केटी पेरी के अलावा, बेजोस की मंगेतर लॉरेन सांचेज़, नासा की पूर्व इंजीनियर आइशा बोवे, वैज्ञानिक और यौन हिंसा पीड़ितों की वकील अमांडा गुयेन, फिल्म निर्माता केरियन फ्लिन और पत्रकार गेल किंग भी सवार थीं. लगभग 11 मिनट की उड़ान में महिलायें 340,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर पहुंची. इसे अंतरिक्ष के किनारे से थोड़ा आगे माना जाता है. उस समय मौसम भी बहुत बढ़िया था. जानते हैं कैटी पेरी और अंतरिक्ष पर्यटन से...

Covid Cases in India: कोविड के लगभग 4000 सक्रिय मामले, कैसे करें बचाव के उपाय

Covid Cases in India: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoH&FW) के 2 जून, 2025 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब तक 3,961 सक्रिय COVID-19 मामले सामने आ चुके हैं. जनवरी 2025 से 32 मौतें हो चुकी हैं. कई राज्यों में और नए मामले भी सामने आए हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन के अनुसार, सावधानियां बरतना और वैक्सीनेशन कराना कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय है. भारत में 2 जून 2025 के सुबह 8 बजे तक COVID-19 के 3,961 सक्रिय मामले सामने आ चुके हैं. ये आंकड़े स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoH&FW) ने 2 जून, 2025 को प्रस्तुत किए हैं. इसके अलावा, जनवरी 2025 से COVID-19 के कारण मरने वालों की संख्या 32 हो गई है. इसमें 1 जून को पांच नई मौतें दर्ज की गईं. केंद्रीय स्वास्थ्य और आयुष (स्वतंत्र प्रभार) मंत्रालय किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. कोरोना की स्थिति को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन ने कहा है कि सावधानियां बरतना और वैक्सीनेशन कराना कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय है. कोविड से बचाव की तैयारी (Covid -19 Prevention) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण ...

Nashik Simhastha Kumbh Mela: 31 अक्टूबर 2026 से होगा आरंभ, 21 महीने तक चलेगा नासिक-त्र्यंबकेश्वर सिंहस्थ कुंभ मेला

नासिक और त्र्यंबकेश्वर सिंहस्थ कुंभ मेला (Nashik Simhastha Kumbh Mela) 31 अक्टूबर 2026 से जुलाई 2028 के बीच 21 महीने से अधिक समय तक चलेगा. नासिक में 12 साल में एक बार होने वाले इस धार्मिक उत्सव के लिए राज्य में अभी से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. महाराष्ट्र सरकार के अनुमान के मुताबिक, पिछली बार 2015-16 की तुलना में इस बार 12 गुना अधिक श्रद्धालु आ सकते हैं. त्र्यंबकेश्वर और नासिक के रामकुंड में 31 अक्टूबर 2026 की दोपहर 12:02 बजे पारंपरिक ध्वजारोहण के साथ सिंहस्थ कुंभ मेला की शुरुआत हो जाएगी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दस शैव अखाड़ों के 20 महंत और तीन वैष्णव अखाड़ों के 6 महंतों की मौजूदगी में पुरोहित संघ द्वारा निकाली गई तारीखों की घोषणा की गई. महाराष्ट्र सरकार सिंहस्थ कुंभ मेला पर लगभग 15 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बना रही है. अब तक 6000 करोड़ रुपए के काम शुरू हो चुके हैं. सरकार के अनुमान के मुताबिक, पिछली बार की तुलना में 12 गुना अधिक श्रद्धालु आ सकते हैं. 2015-16 में त्र्यंबक और नासिक में एक करोड़ श्रद्धालु (Nashik Simhastha Kumbh Mela) आए थे. सिं...

स्वयं में बदलाव लाने में छिपा है जीवन का सूत्र, बीके शिवानी

आध्यात्मिक वक्ता और विचारक बीके शिवानी बताती हैं कि सकारात्मक जीवन जीने के लिए स्वयं में बदलाव लाना पड़ता है. इसके लिए दिन की शुरुआत इस संकल्प के साथ करना चाहिए कि मैं एक शांत आत्मा हूं और ईश्वर ने मुझे अपना और दूसरों का खयाल रखने के लिए धरती पर भेजा है. हम दूसरों की बातों पर दुखी होते हैं. हम क्रोध करते हैं. हम सोचते हैं कि क्रोध करने से काम बन जाता है, जबकि होता इसका उल्टा है. क्रोध से काम बनने की बजाय और बिगड़ जाता है. क्रोध त्यागने से जीवन में सब कुछ अच्छा हो जाता है. आध्यात्मिक वक्ता और विचारक बीके शिवानी के अनुसार, खुद का और दूसरों का भी खयाल रखना हमारी ज़िम्मेदारी है. डॉक्टर दवा से बीमारी को ठीक करते हैं. जब हम बहुत अच्छे हीलर होते हैं, तो हमारी वाइब्रेशन दवा से पहले ही ठीक कर देती है. इसलिए खुद में सकारात्मक बदलाव लाएं. सकारात्मक संकल्प के साथ करें दिन की शुरुआत हर सुबह एक विचार बनाएं. दिन की शुरुआत इस संकल्प के साथ करें कि मैं एक शांत आत्मा हूं, मैं भगवान का फरिश्ता हूं. हर दिन हर घंटे के बाद खुद को याद दिलायें कि मैं भगवान का साधन हूं. जैसे ही हम भगवान को याद करते ह...

Kheer Bhawani Temple Mystery: माता के आशीर्वाद से बदल जाता है कुंड के पानी का रंग

Kheer Bhawani Temple Mystery: श्रीनगर से 25 किलोमीटर दूर गांदरबल जिला स्थित है खीर भवानी मंदिर. देवी दुर्गा के रूप में स्थापित देवी राग्न्या को यहां खीर का भोग लगाया जाता है. मंदिर स्थित कुंड का जल अपना रंग बदलने के कारण दूर-दूर तक लोकप्रिय है. इन दिनों यहां खीर भवानी मेला लगा हुआ है. इन दिनों जम्मू और कश्मीर के गांदरबल जिले के तुलमुल्ला गांव में माता रानी के भक्त बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं. पहलगाम अटैक की बुरी यादों को परे हटाकर लोग तुलमुल्ला गांव के खीर भवानी मंदिर पहुंच रहे हैं. यहां 3 जून से खीर भवानी उत्सव शुरू हो गया है. मंदिर की देवी देवी राग्न्या को खीर का भोग लगाया जा रहा है. मंदिर के कुंड से सदियों से जुड़ी आस्था भी दिखाई दे रही है. जानते हैं वह आस्था, जिसे लोग देवी के आशीर्वाद (Kheer Bhawani Temple Mystery) से जोड़कर देखते हैं. खीर भवानी मंदिर मेला (Kheer Bhawani Temple Mela) जम्मू और कश्मीर के गांदरबल जिले में खीर भवानी महोत्सव कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए प्रतिष्ठित धार्मिक आयोजन है, जो हर साल तुलमुल्ला गांव के पवित्र रागन्या देवी मंदिर में आयोजित किया जा...

Nirjala Ekadasi 2025: स्वास्थ्य नहीं दे रहा उपवास की इजाजत, तो करें ये उपाय

Nirjala Ekadasi : इस वर्ष 6 जून 2025 को निर्जला एकादशी है. यदि खराब स्वास्थ्य या अन्य कारण से निर्जला एकादशी का उपवास रखने में आप सक्षम नहीं हैं. तो इन उपायों से इसे करने के बराबर फल प्राप्त किया जा सकता है. धार्मिक दृष्टिकोण से निर्जला एकादशी का बहुत अधिक महत्व है. ज्येष्ठ (आमतौर पर मई या जून) माह में चंद्रमा के बढ़ते चरण के 11वें दिन एकादशी मनाई जाती है. यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित है. निर्जला एकादशी को सबसे महत्वपूर्ण एकादशियों में से एक माना जाता है. इस वर्ष 6 जून 2025 को निर्जला एकादशी है. यदि खराब स्वास्थ्य या अन्य कारणों से निर्जला एकादशी का उपवास नहीं रख पा रहे हैं, तो इसके लिए बहुत अधिक सोचने की जरूरत नहीं है. कुछ उपाय अपनाकर इस एकादशी (Nirjala Ekadasi ) के पुण्य को प्राप्त करने की मान्यता है. निर्जला का क्या है अर्थ (Meaning of Nirjala Ekadasi) निर्जला एकादशी के दिन आमतौर पर भक्त बिना कुछ खाए और पानी पिए उपवास करते हैं. इसलिए इसका नाम "निर्जला" है. इसका अर्थ है "बिना पानी के" की जाने वाली एकादशी. माना जाता है कि इस व्रत को भक्ति...

High Uric Acid Level : यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने पर किन खाद्य पदार्थों को नहीं खाना चाहिए

शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने पर गाउट सहित अन्य कई शारीरिक बीमारियां हो जाती हैं. जानते हैं इसके लक्षण और किन फ़ूड को एवोइड किया जाए. अगर यूरिक एसिड का स्तर नियंत्रित न किया जाए, तो यह गठिया का एक दर्दनाक रूप गाउट का कारण बन सकता है. इसके कारण जोड़ों में दर्द, सूजन और लालिमा जैसे लक्षण दिखने लगते हैं. यह अक्सर बड़े पैर के अंगूठे में होती है. यूरिक एसिड लेवल को नियंत्रित करने के लिए प्यूरीन और शर्करा युक्त पेय पदार्थों से बचना जरूरी है. ये यूरिक एसिड के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं. बढ़े हुए यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए कुछ फ़ूड को एवोइड करना जरूरी है. क्यों बढ़ जाता है यूरिक एसिड लेवल (Cause of High Uric acid) journal of food science and technology के अनुसार, यूरिक एसिड का स्तर कई कारणों से बढ़ सकता है. आहार, आनुवंशिकी, चिकित्सा स्थितियां और दवाओं के कारण शरीर में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है. प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थों, शराब और यूरीन बढ़ानेवाली जैसी कुछ दवाओं का अत्यधिक सेवन यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है. क्या हो सकते हैं यूरिक एसिड के लक्षण (Symptoms of High Uri...