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Showing posts from May, 2025

Mundeshwari Devi Temple: दुनिया का सबसे पुराना मंदिर जहां बिना रक्त बहाए दी जाती है बलि

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Mundeshwari Devi Temple: बिहार के भोजपुर क्षेत्र में कैमूर की पहाड़ी पर स्थित है मां मुंडेश्वरी देवी मंदिर. यह मंदिर न सिर्फ दुनिया का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है, बल्कि यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां रक्तहीन बलि दी जाती है। बिहार के भोजपुरी क्षेत्र में सोन नदी के पास कैमूर पठार की मुंडेश्वरी पहाड़ियों पर मां मुंडेश्वरी देवी मंदिर स्थित है. रामगढ़ गांव में 608 फीट की ऊंचाई पर यह मंदिर स्थापित किया गया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इसे 1915 में ही संरक्षित स्मारक घोषित कर दिया था. इस मंदिर (Mundeshwari Devi Temple) की ख्याति देश भर में फ़ैली है. मंदिर में सैकड़ों सालों से लगातार हो रही पूजा (Maa Mundeshwari Temple) मां मुंडेश्वरी देवी मंदिर (Maa Mundeshwari Devi Temple) भगवान शिव और शक्ति को समर्पित है. मंदिर में गणेश, सूर्य और श्री विष्णु के विग्रह भी स्थापित हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अनुसार, मंदिर 108 ईस्वी का है और यह 1915 से संरक्षित स्मारक है. मां मुंडेश्वरी मंदिर वास्तुकला की नागर शैली का सबसे पुराना नमूना है. मान्यता है कि यह मंदिर दुनिया का सबसे प...

क्यों श्रीविष्णु गजराज की पुकार पर वैकुंठ छोड़ पृथ्वी पर दौड़े चले आए!

श्रीविष्णु ने हर काल में बुराई पर अच्छाई की जीत दर्ज कर अपने भक्तों को संकट मुक्त किया है. इसी संदर्भ में श्रीमद्भागवत के अष्टम स्कन्ध में गज और ग्राह (हाथी और मगरमच्छ) की कथा कही गई है. किस तरह श्रीविष्णु भक्त गजराज की पुकार पर दौड़े चले आये और उसके प्राण बचा लिए. इस कथा का उल्लेख ‘अथ विष्णु चरित्रम्’ पुस्तक में भी किया गया है. श्रीमद्भागवत के अष्टम स्कन्ध में गजेन्द्र मोक्ष यानी गज और ग्राह (हाथी और मगरमच्छ) की कहानी कही गई है. पौराणिक आख्यानकार डॉ. भगवतीशरण मिश्र ने अपनी पुस्तक ‘अथ विष्णु चरित्रम्’ पुस्तक में भी इस कथा का उल्लेख किया है. ‘अथ विष्णु चरित्रम्’ पुस्तक में यह कथा कुछ इस तरह से कही गई है--ज्येष्ठ माह की तपती दोपहरी और सूर्य की आग उगलती प्रचंड किरणें. प्राणि को प्यास लगने पर जल की एक बूंद भी कठिनाई से उपलब्ध हो रही थी. पृथ्वी पर यह सिलसिला दिनों नहीं महीनों से चल रहा था. श्रीविष्णु अपने भक्त गजराज की पुकार पर धरती तक दौड़े चले आये और कमजोर पड़ रहे भक्त की सहायता कर उसे संकट से बचाया. हाथी और मगरमच्छ के बीच युद्ध एक जंगल में प्यास से आकुल एक गजराज भी था. गजराज जल ...

गोल्फ़ कोर्स के नज़दीक रहने से बढ़ सकता है पार्किंसंस का जोखिम! क्या है दोनों में कनेक्शन

हालिया शोध में गोल्फ़ कोर्स के नज़दीक रहने वाले लोगों में पार्किंसंस रोग की संभावना अधिक पाई गई है, खास तौर पर तब जब पानी कमज़ोर भूजल स्रोतों से लिया जाता है. निष्कर्ष बताते हैं कि रोज़मर्रा के जीवन में कीटनाशकों से होने वाला संपर्क स्वास्थ्य जोखिम बढ़ाता है. जर्नल ऑफ़ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन नेटवर्क में प्रकाशित हालिया अध्ययन में संयुक्त राज्य अमेरिका के शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला कि गोल्फ़ कोर्स के नज़दीक रहने से पार्किंसंस रोग (PD) का जोखिम बढ़ सकता है. गोल्फ़ कोर्स में अक्सर सौंदर्य मानकों को बनाए रखने के लिए कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है. संयुक्त राज्य अमेरिका (US) में गोल्फ़ कोर्स में कीटनाशकों का इस्तेमाल यूरोपीय देशों की तुलना में 15 गुना ज़्यादा है. इसके अलावा कीटनाशक भूजल में घुलकर पीने योग्य पानी को दूषित कर सकते हैं. जोखिम होने के बावजूद अब तक इस ओर कम शोध हुए हैं. जल सेवा क्षेत्रों के डेटा पर स्टडी वर्तमान अध्ययन में शोधकर्ताओं ने गोल्फ़ कोर्स से नज़दीकी और पार्किंसंस डिजीज की घटना के बीच संबंधों का पता लगाया. ओल्मस्टेड काउंटी में 1991 से 2015 तक पीडी...

Manda Puja: अंगारों पर चलकर आदिवासी और गैर आदिवासी करते हैं पूजा!

Manda Puja: झारखंड के दक्षिणी छोटानागपुर संभाग में मनाई जाती है मंडा पूजा. यह उन दुर्लभ त्योहारों में से एक है, जिसे आदिवासी और गैर आदिवासी दोनों मनाते हैं. इस त्योहार में अच्छी बारिश और भरपूर फसल के लिए भगवान शिव की पूजा जलते अंगारों पर चलकर की जाती है. मंडा पूजा आमतौर पर वसंत ऋतु के दौरान होती है. यह त्योहार मुख्य रूप से झारखंड (Jharkhand) के दक्षिणी छोटानागपुर (South Chhotanagpur) संभाग में मनाई जाती है. यह त्योहार कृषि चक्र की परिणति का प्रतीक है, इस त्योहार में भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा बहुत कठिन अनुष्ठानों के माध्यम से की जाती है, इस त्योहार के अनुष्ठान को पूरा करने के लिए अत्यधिक शक्ति, जोश और अनुशासन की आवश्यकता होती है. मंडा पूजा ग्रामीण संस्कृति को संरक्षित रखने का माध्यम है. यह एक ऐसा दुर्लभ त्योहार (Manda Puja) है, जिसे आदिवासी और गैर आदिवासी दोनों मनाते हैं. मंडा पूजा के अनुष्ठान (Manda Puja Rituals) मंडा पूजा के अनुष्ठान (Manda Puja Rituals) बहुत कठिन हो सकते हैं. जैसे आग की लपटों पर उल्टा लटकना, जलते हुए कोयले के अंगारों पर नंगे पैर दौड़ना, बहुत ऊंचे घूम...

Srimad Bhagavat Katha Benefits: चेतना को कैसे जगा सकती है श्रीम‌द्भागवत कथा

Srimad Bhagavat Katha Benefits: सुप्रसिद्ध कथावाचक आचार्य अतुल द्विवेदी के अनुसार, श्रीम‌द्भागवत कथा सुनने से आत्मा की शुद्धि हो सकती है. यह चेतना को जागृत अवस्था में लाने का सबसे सशक्त माध्यम हो सकता है. भागवत पुराण को श्रीमद्भागवतम्, श्रीमद्भागवत महापुराण या केवल भागवत के नाम से भी जाना जाता है. यह हिंदू धर्म के अठारह प्रमुख पुराणों में से एक है. वैष्णव धर्म में सबसे लोकप्रिय पुराणों में से एक भागवत पुराण है. व्यक्ति को यदि अपनी आत्मा की शुद्धि करनी है और अपनी चेतना को जाग्रत करना है, तो वह श्रीम‌द्भागवत कथा सुन सकता है. देश के लोकप्रिय कथावाचकों में से एक आचार्य अतुल द्विवेदी ने श्रीम‌द्भागवत कथा को चेतना को जागृत करने का सबसे सशक्त माध्यम (Srimad Bhagavat Katha Benefits) माना है. भगवान नारायण के केवल अवतारों का वर्णन (Lord Narayan Avtar Story) श्रीमद्भागवत महापुराण में भगवान नारायण के केवल अवतारों का वर्णन है. नैमिषारण्य में शौनकादि ऋषियों के अनुरोध पर लोमहर्षण के पुत्र उग्रश्रवा सूत जी ने इस पुराण के माध्यम से श्रीकृष्ण के चौबीस अवतारों की कथा कही है. श्रीमद्भागवत महापुराण...

Hepatitis Awareness Month: हेपेटाइटिस जैसे खतरनाक रोग के प्रति जागरूक होने का महीना है मई

Hepatitis Awareness Month: मई का महीना हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ इनके परीक्षण, टीकाकरण और समय पर उपचार को प्रोत्साहित करने का है. मई हेपेटाइटिस जागरूकता महीना है. यह महीना हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ परीक्षण, टीकाकरण और समय पर उपचार को प्रोत्साहित करने का है. वायरल हेपेटाइटिस एक बड़ा सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा है. इससे भी बदतर बात यह है कि लोग यह जान ही नहीं पाते हैं कि वे संक्रमित हैं. हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी को रोका जा सकता है और हेपेटाइटिस सी को ठीक किया जा सकता है. लोगों को इस खतरनाक रोग के प्रति जागरूक करने के लिए हर वर्ष मई में हेपेटाइटिस जागरूकता महीना (Hepatitis Awareness Month) मनाया जाता है. हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A infection) हेपेटाइटिस ए संक्रमण आमतौर पर हल्की, अल्पकालिक बीमारी का कारण बनता है. टीकाकरण संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है. हेपेटाइटिस ए होने का कारण (causes of Hepatitis A infection) हेपेटाइटिस ए संक्रमित भोजन या पानी से या संक...

Uttarakhand Pushkar Kumbh: भारत के अंतिम गांव माणा में लगा है अनोखा कुंभ, केशव प्रयाग में जुटे हैं हजारों दक्षिण भारतीय

Uttarakhand Pushkar Kumbh: धार्मिक परंपरा के अनुसार 12 वर्ष में जब बृहस्पति मिथुन राशि में प्रवेश करता है, तो अलकनंदा और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित केशव प्रयाग में पुष्कर कुंभ का आयोजन होता है. यह उत्तराखंड स्थित भारत के अंतिम गांव माणा में आयोजित होता है, जिसमें मुख्य रूप से दक्षिण भारत के वैष्णव अनुयायी भाग लेते हैं. इन दिनों उत्तराखंड में समुद्र तल से करीब 10 हजार फीट ऊपर बसे देश के आखिरी गांव माणा में एक अनोखा कुंभ चल रहा है. आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना के वैष्णव संप्रदाय के लोग यहां आकर कुंभ में शामिल हो रहे हैं. हर 12 साल में अलकनंदा और सरस्वती नदी के संगम (केशव प्रयाग) पर यह पुष्कर कुंभ लगता है. ऐसा 12 वर्ष में एक बार होता है. इस समय बृहस्पति ग्रह मिथुन राशि में प्रवेश (Uttarakhand Pushkar Kumbh) करता है. दक्षिण भारतीय वैष्णव और भगवान बद्रीनाथ का संबंध (South Indian Vaishnav & Bhagwan Badrinath Connection) मान्यता है कि भगवान बद्रीनाथ से दक्षिण भारतीय वैष्णव पौराणिक काल से ही जुड़े हैं. आदि गुरु शंकराचार्य केरल से थे. आदि शंकराचार्य हिंदू धर्म...

बच्चों में चीनी खपत पर निगरानी के लिए CBSE ने स्कूलों में बनाया 'शुगर बोर्ड

बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) और मोटापा (Obesity) के मामले बहुत अधिक देखे जाने लगे हैं. ये न सिर्फ बच्चों और अभिभावकों के लिए परेशानी की बात है, बल्कि शिक्षकों और शिक्षा बोर्ड के लिए भी चिंताजनक है. बच्चे ही देश के भविष्य हैं, इसलिए उनका स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है. बच्चों को बीमारी मुक्त रखने के लिए ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने देश भर के स्कूलों को बच्चों में चीनी खपत पर निगरानी और नियंत्रण के लिए 'शुगर बोर्ड (Sugar Board in school) ' बनाने का निर्देश दिया है. कई बीमारियों का कारण चीनी (Sugar Side Effects) टाइप-2 डायबिटीज की समस्या पहले सिर्फ वयस्कों में ही देखने को मिलती थी. अब बच्चों में बहुत अधिक देखी जाने लगी है. सीबीएसई ने देशभर के संबद्ध स्कूलों को लिखे पत्र में कहा है कि बच्चों द्वारा चीनी का अधिक सेवन (Eating Sugar) न सिर्फ मधुमेह (Diabetes) का कारण बन सकता है, बल्कि मोटापा (Obesity) सहित अन्य बीमारियों का कारण भी बन सकता है. बोर्ड का चीनी खपत (Sugar Consumption) पर कार्यशाला आयोजित करने का निर्देश इसलिए जरूरी है, ताकि बच्चे जागरूक (C...

Kailash Mansarovar Yatra 2025 : महंगी हुई यात्रा, चीन ने बढ़ाई 20 हजार रुपये तक फीस

Kailash Mansarovar Yatra 2025 : कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 30 जून को दिल्ली से शुरू हो जाएगी. विदेश मंत्रालय के अनुसार, 2019 के मुकाबले चीन ने इस साल प्रति व्यक्ति फीस 20 हजार रुपये तक बढ़ा दी है. लिपुलेख दर्रे के ज़रिए चीन में प्रवेश करने पर प्रति व्यक्ति 1.84 लाख रु. खर्च होंगे, जिसमें 95 हजार रुपए चीन की फीस रहेगी. हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों के लिए पवित्र तीर्थस्थल है कैलाश मानसरोवर. कैलाश मानसरोवर यात्रा पांच साल के अंतराल के बाद जून 2025 में भारत और चीन के बीच फिर से शुरू होने वाली है. महामारी और दोनों देशों के बीच सीमा तनाव के कारण यात्रा को स्थगित कर दिया गया था. विदेश मंत्रालय के अनुसार, यात्रा उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे और सिक्किम में नाथू ला से होकर आगे बढ़ेगी. कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 तीर्थयात्रा 30 जून को दिल्ली से शुरू हो जाएगी, जो अगस्त तक जारी( Kailash Mansarovar Yatra 2025) रहेगी. लिपुलेख दर्रे और नाथूला दर्रे के ज़रिए यात्रा कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए विदेश मंत्रालय लिपुलेख दर्रे के ज़रिए 5 बैच और नाथूला दर्रे के ज़रिए 10 बैच आयोजित करेगा. इनमें से प्रत्य...

ब्रेन को बिठा देता है लॉन्ग सिटिंग, शरीर के दूसरे अंग भी हो जाते हैं बुरी तरह से प्रभावित

अगर आप घंटों एक ही पोजीशन में बैठकर काम करते रहते हैं, तो यह आपके मस्तिष्क पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है। शोध बताते हैं कि यह मस्तिष्क की कार्यक्षमता को प्रभावित करने के साथ-साथ उम्र बढ़ने पर डिमेंशिया और अल्जाइमर का कारण भी बन सकता है। लॉन्ग सिटिंग दिल, किडनी, फेफड़े को भी कर सकता है बीमार। इन दिनों लोग घंटों एक पोजीशन में बैठकर घंटों कंप्यूटर पर काम करते रहते हैं। यह भी सच है कि लॉन्ग सिटिंग के दौरान लोग हिलते-डुलते भी नहीं हैं। पोश्चर चेंज करना तो दूर की बात है। अगर आप भी लगातार एक पोजीशन में बैठकर घंटों काम करते रहते हैं, तो अपनी इस आदत से तौबा कर लें। लॉन्ग सिटिंग ब्रेन हेल्थ के लिए नुकसानदायक होता है। शोध बताते हैं कि इससे न केवल ब्रेन सिकुड़ सकता है, बल्कि लॉन्ग टर्म में अल्जाइमर और डिमेंशिया का कारण भी बन सकता है। साथ ही, यह आदत दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर और किडनी की बीमारी का कारण भी बन सकता है। क्या कहते हैं शोध 1 संयुक्त राज्य अमेरिका के वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर और यूनिवर्सिटी ऑफ़ पिट्सबर्ग के शोधकर्ताओं ने अपनी स्टडी में पाया कि जीवनशैली की आदतें, खासक...

Weight Loss कर रहीं महिलाओं के लिए खुशखबरी, GLP-1 इंजेक्शन पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं का वजन घटाने में अधिक कारगर

आमतौर पर भोजन में कार्ब्स घटाने और नियमित एक्सरसाइज करने से महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों के Weight Loss अधिक होते हैं. हालिया शोध निष्कर्ष बताते हैं कि वेट लॉस के लिए लिया जाने वाला इंजेक्शन ग्लूकागन लाइक पेप्टाइड-1 (GLP-1) पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं का वजन अधिक घटाता है. पुरुष अपने आहार से कार्ब्स को कम करते हैं, तो 10 पाउंड वजन कम कर पाते हैं, वहीं एक महिला जिसने बिल्कुल वही किया, लेकिन वह 2 पाउंड वजन ही कम कर पाती है. जब वजन कम करने की बात आती है, तो आहार और व्यायाम महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक लाभ पहुंचाते हैं. शोध से जिस तरह यह प्रमाणित हो चुका है कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों के लिए वजन घटाना आसान है. ठीक इसी तरह हालिया अध्ययन यह निष्कर्ष निकालते हैं कि वजन घटाने वाले इंजेक्शन GLP-1 पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए औसतन बेहतर तरीके से काम (Weight Loss Injection) करते हैं. क्यों महिलाओं का अधिक घटता है वजन (Weight Loss) हाल ही में नैदानिक परीक्षणों के परिणाम वजन घटाने वाले इंजेक्शन GLP-1 के अनुकूल थे. अध्ययन के निष्कर्ष से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ऐसा क्यों ...

Rudranath Mandir Kapat : खुल चुके हैं कपाट, यहां मुख रूप में विराज रहे हैं शिवजी

R udranath Mandir Kapat: उत्तराखंड में पंच केदार में से एक रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुल चुके हैं. इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. जानें क्यों हैं विशेष प्रसिद्ध रुद्रनाथ पंच केदार. उत्तराखंड में पंच केदार में से चतुर्थ रुद्रनाथ केदार मंदिर के कपाट 18 मई 2025 को ब्रह्ममुहुर्त में सुबह 4 बजे खुल चुके हैं. तब से लेकर अब तक यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. रुद्रनाथ में शिव जी विशेष रूप में विराज रहे हैं और यहां तक पहुंचने का रास्ता भी दुर्गम (Rudranath Mandir Kapat) है. मुख रूप में विराज रहे हैं भगवान शिव (Lord Shiva Avatar) रुद्रनाथ मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले स्थित भगवान शिव का एक मंदिर है, जो पंचकेदारों में से एक है. समुद्र तल से 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ मंदिर भव्य प्राकृतिक छटा से भरपूर है. गढ़वाल हिमालय की सबसे ऊंची चोटियों के बीच रुद्रनाथ सदियों से चली आ रही अखंड आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक है. मंदिर में भगवान शिव का मुख रूप है, जो पूरे क्षेत्र में प्रकट हुए पांच शरीर अंगों में से एक है. रुद्रनाथ मंदिर के कपाट एक ...

Kalashtami 2025: भगवान शिव के उग्र स्वरूप काल भैरव की पूजा

Kalashtami 2025: भगवान काल भैरव के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए कालाष्टमी मनाई जाती है. यह भगवान शिव के सबसे उग्र स्वरूपों में से एक है. हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है. कालाष्टमी हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. कृष्ण पक्ष के पहले दो दिनों में आठवें चंद्र दिवस पर मनाई जाने वाली कालाष्टमी में काल भैरव पूजा होती है. इसके लिए सुबह जल्दी उठकर साफ-सफाई की जाती है (Kalashtami Puja 2025) है. पवित्र स्नान के बाद पूजा कक्ष में काल भैरव की मूर्ति सजाई जाती है. आरती, जलाभिषेक और फल और सरसों के तेल जैसे प्रसाद चढ़ाना जरूरी माना जाता है. 20 मई को कालाष्टमी (Kalashtami 2025) है. कालाष्टमी तिथि और समय 2025 (Kalashtami date and time 2025) कालाष्टमी सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. द्रिक पंचांग में दी गई जानकारी के अनुसार, कालाष्टमी 2025 ज्येष्ठ तिथि 20 मई को सुबह 05:51 बजे से शुरू होगी और 21 मई को शाम 04:55 बजे समाप्त होगी. कैसे करें काल भैरव पूजा (How to do Kaal Bhairav Puja) भगवान काल भैरव को फूल, विशेष रूप से गेंदा चढ़ाये जाने क...

Lancet Study : भारत में मौत की वजह बन रहा है हार्ट डिजीज

सुप्रसिद्ध मेडिकल जर्नल लांसेट के साउथ ईस्ट एशिया के लोगों पर की गई स्टडी बताती है कि कार्डियोवैस्कुलर हार्ट डिजीज भारत में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है. यह प्रवृत्ति वर्ष 2015 के बाद से और अधिक बढ़ी है. जब कोरोनरी धमनियों (Coronary Arteries) को पर्याप्त खून, ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाता है, तो कई तरह की ह्रदय की बीमारियां (CVD) हो सकती हैं. कोलेस्ट्रॉल डिपोजिशन या प्लाक भी इसके कारण हो सकते हैं. ये बिल्डअप धमनियों को संकीर्ण कर देते हैं, जिससे हृदय में खून का प्रवाह कम होता है। इसके कारण सीने में दर्द, सांस की तकलीफ या यहां तक कि दिल का दौरा पड़ सकता है. हाल के कुछ वर्षों में भारत में कार्डियोवैस्कुलर हार्ट डिजीज मृत्यु का एक प्रमुख कारण बन गया है। सुप्रसिद्ध मेडिकल पत्रिका लांसेट की स्टडी भी इस ओर इशारा करती है. क्या कहती है लांसेट की स्टडी (The Lancet Research on CVD in India) भारत में मृत्यु और विकलांगता का प्रमुख कारण हृदय रोग (CVD) बन गया है। भारतीयों में सीवीडी (Cardio Vascular Disease) का जोखिम हाल के दिनों में बहुत बढ़ गया है. लांसेट में प्रकाशित स्टडी के अनुस...

Dhumavati Jayanti 2025: कब मनाएं यह विशेष दिन, जानें धुमावती जयंती कथा

Dhumavati Jayanti 2025: देवी धुमावती भगवान शिव के धुमेश्वर रुद्र की शक्ति है. मान्यता है कि देवी धुमावती की पूजा करने से गरीब व्यक्ति को खुशी और धन मिलता है. ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी तिथि को देवी धुमावती जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष यह तिथि 3 जून 2025 है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी तिथि को देवी धुमावती जयंती मनाई जाती है. देवी धुमावती दस महाविद्या देवी-देवताओं में से सातवें स्थान पर हैं और श्री कुला के साथ जुड़ी हैं. देवी धुमावती सभी बाधाओं और परेशानियों को नष्ट कर देती हैं. देवी धुमावती भगवान शिव के धुमेश्वर रुद्र की शक्ति है. मान्यता है कि देवी धुमावती की पूजा करने से गरीब व्यक्ति को खुशी और धन मिलता है. देवी धुमावती केतु ग्रह को प्रभावित करती है. इसलिए माता धुमावती (Dhumavati Jayanti 2025) को केतु के कारण होने वाली बाधाओं को कम करने के लिए भी पूजा जाता है. विष्णु के वामन अवतार से संबंधित हैं देवी देवी धुमावती भगवान विष्णु के वामन अवतार से संबंधित हैं. दस महाविद्या देवी में धुमावती की पूजा दारुन विद्या के रूप में की जाती है. वे देवी लक्ष्मी की सबसे बड़ी बहन ...

Shani Jayanti 2025: क्यों मनाई जाती है शनि जयंती, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और आध्यात्मिक महत्व

Shani Jayanti 2025: शनि ग्रह के देवता शनि देव की जयंती शनि जयंती के रूप में मनाई जाती है. विशेष ज्योतिषीय और आध्यात्मिक महत्व वाला यह दिन ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. न्याय, कर्म और अनुशासन के देवता शनि देव की जयंती इस वर्ष 27 मई को है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनि ग्रह पर शासन करते हैं शनि देव. शिव के एक रूप माने जाने वाले शनि देव अनुशासन, कर्म और न्याय के देवता माने जाते हैं. हर वर्ष शनि जयंती ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. इस दिन का आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व बहुत अधिक है. यह दिन उन लोगों के लिए विशेष (Shani Jayanti 2025) है, जो अपनी कुंडली में शनि के बीमार प्रभावों से राहत चाहते हैं. शनि जयंती 2025 समय (Shani Jayanti 2025 Date & Time) द्रिक पंचांग के अनुसार, शनि जयंती 27 मई, दिन मंगलवार को मनाई जा रही है. अमावस्या तिथि 26 मई, 2025 को शाम 7:10 बजे से शुरू होगी और 27 मई, 2025 को शाम 5:27 बजे तक रहेगी. शनि जयंती पर जानें पूजा विधि (Shani Jayanti Puja Vidhi) ब्रह्म मुहूर्त में जाग जाएं. पवित्र स्नान करें. काले या गहरे नीले वस...

Ganga Dussehra 2025 : जानें पर्व तिथि, महत्व और गंगा दशहरा की कथा

Ganga Dussehra 2025 : गंगा दशहरा ज्येष्ठ महीने में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाई जाती है. इस वर्ष यह तिथि 5 जून है. इसी दिन गंगा धरती पर आई. गंगा दशहरा या गंगावतरण प्रकृति संरक्षण का संदेश देती है. भारत त्योहारों का देश है. यहां त्योहार सिर्फ़ प्रकृति से ही नहीं, बल्कि जीवन और उत्सव से भी जुड़े हुए हैं. प्रकृति और जल संरक्षण का सीख देती हुई गंगा इसी दिन धरती पर अवतरित भी हुई. इसलिए गंगा दशहरा को गंगावतरण भी कहा जाता है. गंगा दशहरा ज्येष्ठ महीने में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को पड़ता है. इसलिए यह आमतौर पर मई या जून के महीने में पड़ता है. 2025 में गंगा दशहरा 5 जून को पड़ेगा. कभी-कभी गंगा दशहरा निर्जला एकादशी के ही दिन पड़ता है. गंगा दशहरा तिथि और समय (Ganga Dussehra 2025 Date & Time) ज़्यादातर सालों में गंगा दशहरा निर्जला एकादशी से एक दिन पहले मनाया जाता है। लेकिन कभी-कभी गंगा दशहरा निर्जला एकादशी के ही दिन पड़ता है. द्रिक पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा 2025 तिथि: गुरुवार, 5 जून, 2025 दशमी तिथि प्रारंभ – 04 जून, 2025 को रात 11:54 बजे दशमी तिथि समाप्त – 06 जून, 2025 को सुबह 0...

Liver Tumor: दीपिका कक्कड़ को हुआ लिवर ट्यूमर, जानें कैसे होता है यह

Liver Tumor: हाल में टीवी एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ को लिवर ट्यूमर होने का पता चला है. इसके कई कारण हो सकते हैं. जानते हैं कैसे होता है लीवर टयूमर और इससे बचाव के क्या हो सकते हैं उपाय? हाल में टीवी एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ को 'टेनिस बॉल के आकार' के लिवर ट्यूमर का पता चला है. उनके पति और एक्टर शोएब इब्राहिम ने सोशल मीडिया पर अपने प्रशंसकों के साथ यह बात साझा की थी. फिलहाल अस्पताल में दीपिका का इलाज चल रहा है. जानते हैं कैसे होता है लिवर टयूमर (Liver Tumor). क्या है लिवर टयूमर (What is Liver Tumor) द जर्नल ऑफ़ हिपेटोसेलुलर कारसिनोमा (The Journal of Hepatocellular Carcinoma) में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, हमारा लिवर फुटबॉल के आकार का अंग है, जो पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में डायाफ्राम के नीचे और पेट के ऊपर होता है. ट्यूमर ऊतक के असामान्य द्रव्यमान होते हैं, जो तब बनते हैं जब कोशिका बढ़ी हुई दर से रीप्रोडयूस करना शुरू करती हैं. नॉन-कैंसरयुक्त और कैंसरयुक्त (घातक) दोनों ट्यूमर लिवर में विकसित हो सकते हैं. क्या हैं नॉन-कैंसरयुक्त लिवर ट्यूमर (Non-Cancerous Liver Tumor) नॉ...

Nautapa 2025: क्या है नौतपा, क्या करें क्या नहीं करें किस देवता की करें विशेष पूजा

Nautapa 2025: नौतपा या नवताप ज्येष्ठ महीने के शुरुआती 9 दिनों में होता है. 25 मई से 9 जून तक चलने वाल नौतपा साल का सबसे गर्म 9 दिन होता है. इस दौरान सूर्य देव की पूजा होती है, जो रोहिणी नक्षत्र में गोचर होते हैं. कई चीज़ों के प्रति एहतियात भी बरता जाता है. नौतपा मई के आखिर से शुरू हो रहा है. नौतपा के 9 दिन साल के सबसे गर्म दिन माने जाते हैं. इस समय सूर्य रोहिणी नक्षत्र में गोचर करता है. इस समय न सिर्फ विशिष्ट देवता की पूजा होती है, बल्कि सेहत का भी खयाल रखा जाता है. जानें भीषण गर्मी वाले 9 दिनों की कब से हो रही है शुरुआत (Nautapa 2025) और बरते जाने वाले एहतियात. क्या है नौतपा (Nautapa) नौतपा का मतलब है कि आने वाले 9 दिन साल के सबसे गर्म दिन होंगे. इन 9 दिनों में गर्मी अपने चरम पर होगी. नौतपा जिसे नवताप भी कहते हैं, ज्येष्ठ महीने के शुरुआती 9 दिनों में होता है. इस समय सूर्य रोहिणी नक्षत्र में गोचर करता है. ऐसे मौसम में आपको बहुत सावधान रहने की जरूरत होती है. क्यों है महत्वपूर्ण नौतपा (Nautapa Importance) नौतपा के दौरान प्यासे को पानी पिलाने से पापों से मुक्ति मिलती है और मो...

Nirjala Ekadashi 2025: क्या है निर्जला एकादशी व्रत की महत्ता और व्रत कथा

निर्जला एकादशी की कथा के अनुसार, महर्षि वेदव्यास इस व्रत को संसार में सर्वश्रेष्ठ मानते हैं. इसलिए इस व्रत को विधिपूर्वक करना चाहिए. इस दिन 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति सूर्योदय से सूर्यास्त तक जल का सेवन न करे तो उसे बारह एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है. द्रिक पंचांग में उल्लेख की गई कथा के अनुसार, महर्षि व्यास ने निर्जला एकादशी के बारे बताया है कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की वृषभ संक्रांति और मिथुन संक्रांति के बीच में जो एकादशी आती है, उसे निर्जला व्रत अर्थात् बिना जल के उपवास करना चाहिए. निर्जला एकादशी व्रत में स्नान करते समय या आचमन करते समय यदि जल मुख में चला जाए तो दोष नहीं माना जाता है, लेकिन आचमन में छः माशा (थोड़ी मात्रा) से अधिक जल नहीं पीना चाहिए. जल की यह थोड़ी मात्रा शरीर को शुद्ध करती है. मान्यता है कि निर्जला एकादशी के दिन अन्न नहीं खाना चाहिए. इससे व्रत नष्ट हो जाता है. जानते हैं निर्जला एकादशी की कथा और महत्ता... निर्जला एकादशी तिथि और समय (Nirjala Ekadashi 2025 Date and Time) निर्जला एकादशी तिथि प्रारंभ ...

Ashada Masam: कब शुरू हो रहा है आषाढ़, इस माह में कौन से कार्य नहीं करें

Ashada Masam: सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश के साथ आषाढ़ माह की शुरुआत होती है. ‘सूर्य मासम’ अर्थात खाली महीना कहा जाने वाला यह महीना 12 जून 2025 से शुरू होकर 10 जुलाई 2025 को समाप्त हो जाएगी. इस माह के दौरान कुछ शुभ कार्य करने की मनाही की जाती है. आषाढ़ माह हिंदू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण महीना है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में जून/जुलाई से मेल खाता है. यह महीना वर्ष का चौथा महीना है. ज्योतिष विद्या के अनुसार, आषाढ़ की शुरुआत सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश के साथ होती है. धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से यह माह महत्वपूर्ण है. आषाढ़ माह दिन और तिथि (Ashada Masam Starting Date) आषाढ़ पूर्णिमा और अमावस्या तिथियों के साथ आषाढ़ महीने में (विक्रम संवत 2082 और शक वर्ष 1947) कई प्रमुख व्रत और त्योहार हैं. इसकी शुरुआत गुरुवार 12 जून से हो जाएगी. आषाढ़ माह शुरुआत : गुरुवार, 12 जून 2025 आषाढ़ माह समाप्ति : गुरुवार, 10 जुलाई 2025 आषाढ़ माह के प्रमुख व्रत और त्योहार 14 जून: शनि संकष्टी चतुर्थी 15 जून: रवि मिथुन संक्रांति 18 जून: बुधवार कालाष्टमी, बुध अष्टमी व्रत 21 जून: सत...

World No Tobacco Day 2025: तंबाकू चबाने से हो सकती हैं गंभीर बीमारियां, आज से ही छोड़ें यह नशा

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन दुनिया भर के लोगों को तंबाकू खाने से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य नुकसान के प्रति जागरूक करने के लिए वर्ल्ड नो टोबैको डे हर साल 31 मई को मनाता है. तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाता है. इससे कैंसर, हृदय रोग, श्वसन संबंधी समस्याएं और प्रजनन संबंधी समस्याएं सहित कई बीमारियां और स्थितियां पैदा होती हैं. तंबाकू में कई जहरीले रसायन मौजूद होते हैं, जो हानिकारक प्रभावों के लिए जिम्मेदार होते हैं. इसमें मौजूद टार, निकोटीन, कार्बन मोनोऑक्साइड और फॉर्मेल्डिहाइड शरीर के विभिन्न अंगों और प्रणालियों को नुकसान पहुंचाते हैं. तंबाकू खाने से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य नुकसान के प्रति जागरूक करने के लिए ही हर साल 31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे (World No Tobacco Day 2025) मनाया जाता है. वर्ल्ड नो टोबैको डे (World No Tobacco Day 2025-31 May) वर्ल्ड नो टोबैको डे तंबाकू के उपयोग के खतरों, तंबाकू महामारी से लड़ने के लिए WHO क्या कर रहा है और किस तंबाकू कम्पनियों पर लगाम कास रहा है, इन सभी बातों की जानकारी देता है. दुनिया भर के लोग अपने स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन के ...

Mithuna Sankranti 2025: क्या है मिथुन संक्रांति का महत्व और दिलचस्प रस्म की मान्यता

Mithuna Sankranti 2025 : सूर्य के वृषभ राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करने के कारण मिथुन संक्रांति या राजा पर्व देश भर में मनाया जाता है. इस वर्ष यह 15 जून को मनाया जा रहा है. इस दिन लड़कियां राम डोली, दांडी डोली और चकरी डोली जैसे कई तरह के झूले पर झूलने और नृत्य-गायन का आनंद लेती हैं. जानते हैं मिथुन संक्रांति पर इस दिलचस्प आयोजन के पीछे क्या है मान्यता. "संक्रांति" का अर्थ है गति या परिवर्तन (Transition). यह विशेष रूप से सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश को बताता है. यह हिंदू कैलेंडर में एक नए महीने की शुरुआत का भी प्रतीक है. इसलिए संक्रांति के अवसर पर उत्सव और धार्मिक अनुष्ठान (Rituals) आयोजित किए जाते हैं. मिथुन संक्रांति भी महत्वपूर्ण तिथि है. यह न सिर्फ व्यक्ति को अध्यात्म की तरफ मोड़ता है, बल्कि बौद्धिक विकास में भी मददगार है. जानते हैं मिथुन संक्रांति (Mithuna Sankranti 2025) के अवसर पर लड़कियों के झूला झूलने की मान्यता का अर्थ... क्या है मिथुन संक्रांति (Mithuna Sankranti) मिथुन संक्रांति को पूर्वी भारत में 'अशर्', दक्षिणी भारत में 'आनी...

Jyeshtha Purnima 2025: जानें महत्व, अनुष्ठान और क्यों ख़ास है ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन

Jyeshtha Purnima 2025: आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है ज्येष्ठ पूर्णिमा का त्योहार. इस अवसर पर पवित्र स्नान, दान और प्रार्थना का विशेष महत्व है. भक्त भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी से शांति, आनंद और समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगते हैं. इस वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा 11 जून को मनाया जा रहा है. हिंदू कैलेंडर में ज्येष्ठ माह (ग्रेगोरियन कैलेंडर में मई-जून) विशेष रूप से पवित्र समय माना जाता है, खासकर भारत के उत्तरी क्षेत्रों में. इस महीने में भगवान विष्णु और हनुमानजी की पूजा-अर्चना की जाती है और दिव्य आशीर्वाद मांगा जाता है. ज्येष्ठ माह शुभ मंगलवार के लिए भी जाना जाता है, जिसे बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल के रूप में जाना जाता है. यह दिन भगवान हनुमान को समर्पित है. पूर्णिमा के अवसर पर चंद्रमा पूरी तरह से प्रकाशित होता है और अपने सबसे चमकीले रूप में होता है. इस वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) बुधवार, 11 जून 2025 को मनाया जा रहा है. ज्येष्ठ पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व (Jyeshtha Purnima Spiritual Significance) धार्मिक रूप से ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन व्रत रखना लाभकारी माना जाता है. धर्...

Healthy Aging: जीवन भर युवा बने रहने की चाहत है, तो खाएं अन्हेल्दी नहीं हेल्दी कार्ब, शोध

Healthy Aging: मैसाचुसेट्स के टफ्ट्स विश्वविद्यालय के हालिया शोध बताते हैं, ‘हेल्दी कार्ब फ़ूड व्यक्ति को दिन भर एनर्जेटिक बनाए रखते हैं. ये हेल्दी गट माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद करते हैं और ब्लड शुगर को नियंत्रित कर सूजन कम करते हैं. इसके कारण हेल्दी एजिंग में मदद मिल सकती है. अकसर हम कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ को वजन बढाने वाला मानते हैं. पर ऐसा नहीं है. हालिया शोध बताते हैं कि यदि कार्ब फ़ूड का चुनाव बुद्धिमानी से किया जाए, तो स्वस्थ तरीके से बुढ़ापा बिताने में मदद मिलती है. साबुत अनाज, फलियां, फल और सब्जियों में पाए जाने वाले जटिल कार्बोहाइड्रेट फाइबर, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो उम्र बढ़ने के साथ शरीर के महत्वपूर्ण कार्यों के सम्पन्न होने में मदद करते हैं. क्या है कार्ब फ़ूड पर किया गया शोध (Research on Carb Food) मैसाचुसेट्स के टफ्ट्स विश्वविद्यालय में जीन मेयर यूएसडीए ह्यूमन न्यूट्रिशन रिसर्च सेंटर ऑन एजिंग (एचएनआरसीए) के वैज्ञानिक और शोधकर्ताओं के अनुसार, कई कार्ब उम्र बढ़ने के दौरान स्वस्थ तरीके से शारीरिक कार्यों को अंजाम देने में मदद...

Anvadhan and Ishti: क्यों श्रीविष्णु को विशेष प्रिय हैं अन्वधान और इष्टि के दिन

Anvadhan and Ishti: श्रीविष्णु को विशेष प्रिय हैं अन्वधान और इष्टि के दिन. इन शुभ दिनों को श्रीविष्णु के भक्त या वैष्णव सम्प्रदाय के लोग महीने में दो बार अमावस्या और पूर्णिमा दोनों दिन मनाते हैं. जून 2025 में अन्वधान 11 और 25 जून को पड़ेगा, जबकि इष्टि 12 जून और 26 जून को होगी. हिंदू धर्म में हर दिन विशेष है. प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है. सृष्टि के पालनहार श्री विष्णु जी के लिए सिर्फ एकादशी तिथि ही महत्व नहीं रखती है, बल्कि अमावस्या और पूर्णिमा भी पूजनीय तिथि है. अमावस्या और पूर्णिमा दोनों दिन में अन्वाधान और इष्टि व्रत-त्योहार मनाये जाते हैं. ये दोनों श्रीविष्णु जी के विशेष प्रिय दिन हैं. अन्वधान और इष्टि तिथि (Anvadhan and Ishti Date) द्रिक पंचांग कैलेंडर के अनुसार, जून 2025 में अन्वधान 11 और 25 जून को पड़ेगा, जबकि इष्टि 12 जून और 26 जून को होगी. द्रिक पंचांग के अनुसार, ये तिथियां क्रमशः ज्येष्ठ पूर्णिमा और आषाढ़ अमावस्या के अनुरूप हैं. अमावस्या के दिन अन्वधान किया जाता है तथा पूर्णिमा के दिन इष्टि की जाती है. ये दिन भगवान विष्णु की पूजा और भक्ति के लिए शुभ ...

Karni Mata temple: एक ऐसी माता का मंदिर जहां होती है चूहों की पूजा

इन दिनों करणी माता मंदिर चर्चा में है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल में राजस्थान के बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर दूर एक छोटे से स्थान देशनोक में करणी माता मंदिर का दौरा किया था. जानते हैं ‘चूहा मंदिर’ के नाम से मशहूर इस ऐतिहासिक मंदिर के बारे में सब कुछ. राजस्थान के बीकानेर के देशनोक स्थान स्थित करणी माता मंदिर इन दिनों चर्चा में है. दरअसल, अभी कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां आकर दर्शन-पूजा की थी. यह पूजा स्थल हजारों कबा (चूहों) का घर होने के कारण देश-विदेश में प्रसिद्ध है. जानते हैं कौन थीं करणी माता और कैसे बना उनका मंदिर. कौन थीं करणी माता करणी माता को रिधि कंवर या रिधु बाई के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि वे 14वीं-15वीं सदी में इस धरती पर आईं. उन्हें देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है. कथा है कि उनका जन्म 1387 ई. में देशनोक से लगभग 100 किलोमीटर दूर फलोदी के पास सुवाप गांव में एक चारण परिवार में हुआ था. परंपरागत रूप से चारण कवि या दरबारी कवि और वंशावलीकार होते हैं. कथा यह भी है कि रिधि कंवर 21 महीने तक अपनी मां के गर्भ में रहीं और उनके आ...

क्यों शहरी युवाओं के टूट रहे हिप, प्रोटीन पाउडर बना जी का जंजाल

भारत में पिछले कुछ सालों से युवा शरीर की क्षमता बढ़ाने और मांसपेशियों को मजबूत करने वाली दवाओं और सप्लीमेंट्स का सेवन बहुत अधिक कर रहे हैं. हालिया शोध बताते हैं कि इस दौरान शहरी युवाओं में हिप डैमेज में खतरनाक वृद्धि देखी जा रही है. कहीं इसके पीछे स्टेरॉयड और प्रोटीन पाउडर का तो हाथ नहीं है! हाल में दिल्ली में जोड़ों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस आयोजन को ‘दिल्ली हिप 360’ नाम दिया गया. इस कार्यक्रम में ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने युवाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर चिंता जताई. युवाओं में एवस्कुलर नेक्रोसिस (एवीएन) और हिप डिजनरेशन के मामलों में खतरनाक वृद्धि हो रही है, जो पारंपरिक रूप से वृद्ध वयस्कों में देखी जाने वाली स्थिति है. इसमें कहा गया स्टेरॉयड और अनियमित प्रोटीन पाउडर के दुरुपयोग से 20 की उम्र के जिम जाने वाले युवा व्यक्तियों के हिप्स को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है. एनाबॉलिक स्टेरॉयड के नुकसान (Steroids Side Effects) हाल के वर्षों में युवा रोगियों में हिप से संबंधित शिकायतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. 30 वर्ष से कम आयु यहां तक कि ...

Padmanabhaswamy Temple: दुनिया का नंबर एक मंदिर, जहां नारियल के खोल में मिलता है प्रसाद

Padmanabhaswamy Temple: दुनिया का नंबर एक मंदिर कहलाता है केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित भगवान विष्णु को समर्पित पद्मनाभस्वामी मंदिर. यह मंदिर अपनी अमीरी को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है. जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें. भगवान विष्णु को समर्पित है असाधारण और अलौकिक मंदिर पद्मनाभस्वामी मंदिर. यह दक्षिण-पश्चिमी राज्य केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित है. मंदिर का सबसे पहला उल्लेख 8वीं या 9वीं शताब्दी ई. से मिलता है. संभवतः मंदिर इससे भी पुराना है. मंदिर का निर्माण और पुनर्निर्माण कई सदी तक किया जाता रहा. अंतिम निर्माण त्रावणकोर के राजा मार्तंड वर्मा ने 1750 में किया और देवता को दान कर दिया था. 2011 में यह मंदिर दुनिया भर में चर्चित हो गया. दरअसल, इसके (Padmanabhaswamy Temple) तहखानों की खोज में 22 बिलियन डॉलर (18 खरब से भी अधिक रुपये) मूल्य के रत्न, कीमती धातुयें और अन्य खज़ाने मिले थे. क्या हैं श्रीविष्णु के पद्मनाभस्वामी स्वरुप के अर्थ (Meaning of Padmanabhaswamy) पद्मनाभस्वामी मंदिर विष्णु के उस रूप में समर्पित है, जिसमें भगवान शेषनाग पर विश्राम कर रहे हैं. शे...

Jagannath Rath Yatra 2025: कब से शुरू हो रही है जगन्नाथ पुरी यात्रा, क्या हैं महत्वपूर्ण अनुष्ठानों की तिथियां

Jagannath Rath Yatra 2025: भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा की धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व वाली जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 27 जून 2025 से शुरू हो रही है. जानें जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा की अन्य महत्वपूर्ण तिथियां और अनुष्ठान. जगन्नाथ रथ यात्रा को "जगन्नाथ पुरी यात्रा" के रूप में भी जाना जाता है. यह भारत के सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजनों में से एक है. यह भव्य आयोजन हर साल ओडिशा के पुरी में होता है. यह यात्रा भगवान विष्णु के एक रूप भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा की होती है। आइये विस्तार से जानते हैं जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2025 के शुरुआत की तिथि और अन्य महत्वपूर्ण आयोजनों की प्रमुख तिथियों (Jagannath Rath Yatra 2025) के बारे में... क्या है जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) स्कंद पुराण के अनुसार, यह यात्रा भगवान जगन्नाथ की बारह वार्षिक यात्राओं में सबसे महान है. जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक देवताओं का एक धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा का आयोजन है. मान्यता है कि गुंडिचा मंदिर उनकी म...